• विकास के सरकारी दावों के बावजूद देश भर में बच्चों में कुपोषण बढ़ा है।‌
  • अलग राज्य गठन के करीब दो दशक बाद भी, झारखंड में बच्चों में कुपोषण की स्थिति काफी बदतर है।
  • सर्वेक्षण से प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के 42 . 9 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। यह संख्या देश में सबसे अधिक है।  
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 की रिपोर्ट की मानें तो देश भर में बच्चे तेजी से कुपोषण का शिकार हो रहे हैं।
  •  एनीमिया से झारखंड के 69 प्रतिशत बच्चे एवं 65 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित हैं।
  • देश के 20 राज्यों में जहां बच्चों में मोटापा बढ़ी है,16 राज्यों में कम वजन के बच्चों की संख्या बढ़ी है
  • निश्चय ही यह स्थिति चिंता पैदा करने वाली है, जिस पर शीघ्र नियंत्रण जरूरी है

 

 

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