वर्षा कुशवाह

प्रतिवर्ष विश्व रेड क्रॉस दिवस 8 मई को मनाया जाता है। इस दिवस को रेड क्रीसेंट दिवस भी कहा जाता है। ये एक वैश्विक मानवीय नेटवर्क है, जो विश्व के लगभग हर देश में संचालित है और भारत में भी रेड क्रॉस सोसायटी है।

विश्व रेड क्रॉस दिवस अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति के संस्थापक और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हेनरी डुनांट को सम्मानित करने के लिए मनाई जाती है। उनके द्वारा बनाई गई अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति लोगों के कल्याण के लिए कार्य करती है। ये समिति भोजन की कमी, प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों, युद्धों, जलवायु संकट और महामारी जैसी स्थितियों में लोगों को सहायता प्रदान करने का काम करती है।

लेकिन जब हम इस दिवस की बात करते हैं को कई प्रश्न मन में उठते हैं जैसे कि – क्या है इस दिवस का इतिहास? कैसे हुई इसकी शुरुआत? क्यों 8 मई की तिथि को ही इस दिवस के लिए चुना गया? क्या है इस दिवस का महत्व? आदि। चलिए आज इस लेख के माध्यम से आपको इन सभी प्रश्नों के उत्तर दें और इस दिवस के बारे में बताएं.

विश्व रेड क्रॉस दिवस की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति के संस्थापक हेनरी डुनांट द्वारा विश्व रेड क्रॉस दिवस उत्पत्ति की गई थी। बता दें कि हेनरी डुनांट पहले व्यक्ति हैं जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। रेड क्रॉस आंदोलन में उनके योगदान के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया था।

विश्व रेड क्रॉस दिवस की स्थापना कब हुई?

प्रथम विश्व युद्ध (1859) के तुरंत बाद हेनरी डुनांट द्वारा इस दिवस की स्थापना की गई। दरअसल, उन्होंने प्रथम युद्ध के दौरान घायल हुए सैनिकों की पीढ़ा को देखा और महसूस किया। उन्होंने किसी भी घायल सैनिक की राष्ट्रीयता पर ध्यान नहीं दिया और उनकी पीढ़ा को समझते हुए चिकित्सा देखभाल देने के लिए स्थानीय नागरिकों को एकीकृत किया और इसी प्रकार 1863 में घायलों को राहत प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समिति का निर्माण किया गया। उन्होंने अपने इन अनुभवों एक पुस्तक भी लिखी जिसका नाम है “ए मेमोरी ऑफ सोलफेरिनो”। उनके द्वारा बनाई गई आईसीआरसी समिति का मुख्य उद्देश्य संघर्षों के दौरान तटस्थ और निष्पक्ष रूप से मानवीय सहायता प्रदान करना है।

आधिकारिक तौर विश्व रेड क्रॉस दिवस को मान्यता कब प्राप्त हुई?

पहली बार विश्व रेड क्रॉस दिवस को मनाने का विचार 14वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व में स्वास्थ्य और शांति की निगरानी के लिए किया गया था। उसके बाद 1934 में टोक्यो में हुए 15वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन इसे आधिकारिक तौर पर अपनाया गया और 8 मई की तिथि पर प्रतिवर्ष इस दिवस को मनाए जाने की घोषणा की गई।

क्यों 8 मई को ही मनाया जाता है विश्व रेड क्रॉस दिवस

अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति के संस्थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता हेनरी डुनांट का जन्म 8 मई 1828 को हुआ था। उनके द्वारा इस समिति के माध्यम से दिए गए योगदानों की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित करने के लिए विश्व रेड क्रॉस दिवस को 8 मई यानी उनकी जयंती के दिन मनाने का फैसला लिया गया। इस प्रकार प्रतिवर्ष इस दिवस को 8 मई को मनाया जाता है।

क्या है विश्व रेड क्रॉस दिवस का महत्व?

ये दिवस मानवीय कार्यों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह संगठन के सिद्धांतों, मिशन और गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है और साथ ही स्वंयसेवकों और कर्मचारियों के समर्पण और साहस को पहचान देता है। ये उस सोच को बढ़ावा देता है, जो अपने से पहले अपने आस पास के लोगों के कल्याण और सुरक्षा के बारे में सोचते हैं। जरूरत के समय लोगों की सहायता के लिए खड़े रहने वाले लोगों को सम्मानित करने और उनके योगदान का जश्न मनाता है रेड क्रॉस दिवस।

विश्व रेड क्रॉस दिवस दुनिया भर में मानवता, करुणा और एकजुटता के महत्व को दर्शाता है। पिछले साल की बात करें को कोरोना महामारी के प्रकोप से पूरी दुनिया जूझ रही थी ऐसे में अपनी परवाह किए बिना लोगों की सहायता करने के लिए कई स्वयंसेवक अपने घरों से बाहर निकले थे और लोगों की सहायता कर रहे थे। कहीं लोग महामारी से परेशान तो कहीं लोग भूख से। सभी की बुनियादी जरूरतों को समझते हुए उनकी सहायता करने वाले को सम्मानित करता है ये दिवस। ये एक तरह का आंदोलन है जो किसी की राष्ट्रीयता आदि को देख कर कार्य नहीं करता है, इसकी नजर में सभी बराबर है चाहें वो कहीं के भी निवासी हो, यदि उन्हें सहायता की आवश्यकता है तो उन्हें सहायता दी जानी चाहिए।

विश्व रेड क्रॉस दिवस 2023 की थीम क्या है?

ये दिवस हर साल एक नए विषय (थीम) के साथ मनाया जाता है। पिछले साल इस दिवस का विषय था मानवीय बनो और इस साल विश्व रेड क्रॉस दिवस की थीम है “हम जो कुछ भी करते हैं #दिल से करते हैं। हम अपने समुदायों में लोगों को “अगले दरवाजे वाले व्यक्ति” के रूप में मनाना चाहते हैं।

इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की उत्पत्ति

1914 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, सेंट जॉन एम्बुलेंस एसोसिएशन की एक शाखा और ब्रिटिश रेड क्रॉस की एक संयुक्त समिति को छोड़कर भारत में प्रभावित सैनिकों को राहत सेवाओं के लिए कोई संगठन नहीं था। जिसके बाद इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी का गठन पर विचार किया गया और 3 मार्च 1920 को भारतीय विधान परिषद में वायसराय की कार्यकारी परिषद के सदस्य सर क्लाउड हिल द्वारा एक बिल पेश किया गया और बता दें कि वह उस दौरान संयुक्त युद्ध समिति के अध्यक्ष भी थे। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के गठन के लिए बिल को 17 मार्च 1920 को पारित किया गया और 20 मार्च 1920 को गवर्नर जनरल की सहमति से 1920 का अधिनियम XV बनाया गया। उसी साल 7 जून को इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के गठन के लिए औपचारिक रूप से पचास सदस्यों को नामित किया गया था, जिसमें से एक का चुनाव प्रबंधन निकाय के रूप में किया गया और इसके अध्यक्ष सर मैल्कम हैली थे।

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