एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन एसईआर रिपोर्ट में श‍िक्षा जगत से जुड़े कई बिंदुओं पर सर्वेक्षण में कई तथ्य सामने आए हैं. इस साल सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट बढ़ने के आंकड़े जहां सुकूनदेह हैं. वहीं सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के सामने ट्यूशन पढ़ने का विकल्प चिंताजनक है आइए जाने एसईआर रिपोर्ट के खास खास बिंदु क्या है. 

एसईआर रिपोर्ट 2022 : शिक्षा की वार्षिक स्थिति पर होने वाले सर्वेक्षण एनुअल स्टेट ऑफ एजुकेशन की रिपोर्ट बुधवार 18 जनवरी को जारी की गई है प्रथम फाउंडेशन की ओर से 4 साल बाद इससे बड़े पैमाने पर यह सर्वेक्षण किया गया है इससे पहले साल 2018 में असर की रिपोर्ट जारी की गई थी.

एसईआर रिपोर्ट 2022 के लेटेस्ट एडिशन से पता चलता है कि भारत में पिछले कुछ सालों में सरकारी स्कूलों में छात्रों के एनरोलमेंट मैं बढ़ोतरी हुई है इस सर्वेक्षण में शामिल 72.9 प्रतिशत छात्र सरकारी स्कूलों में जाते हैं रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में निजी ट्यूशन लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी पर भी प्रकाश डाला है.

एसईआर 2022 संस्करण COVID-19 महामारी के कारण 4 वर्षों के बाद राष्ट्रीय स्तर पर किया गया. इसमें 616 जिलों और 19,060 गाँवों से आंकड़े जुटाए गए. इस सर्वे में 3,74,544 घरों और 3 से 16 वर्ष की उम्र के 6,99,597 बच्चों को शामिल किया गया. सर्वे करने वाले और रिपोर्ट तैयार करने वाले प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 के बाद से सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट में काफी वृद्धि हुई. साल 2018 में सर्वे में यह संख्या 65.6 प्रतिशत थी जो साल 2022 में बढ़कर 72.9 प्रतिशत हो गई.

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2006 से 2014 की अवधि में सरकारी स्कूलों में एनरोल्ड बच्चों ( 6 से 14 वर्ष की आयु ) अनुपात में लगातार कमी देखी गई. साल 2014 में यह आंकड़ा 64.9% था और जो चार वर्षों में ज्यादा नहीं बदला. वहीं सरकारी स्कूल में नामांकित बच्चों (6 से 14 वर्ष की आयु ) का अनुपात 2018 में 65.6% था जो चार साल में तेजी से बड़ा और 2022 में 72.9 % हो गया. सरकारी स्कूल में एनरोलमेंट में वृद्धि देश के लगभग हर राज्य में दिखाई दे रही है.

वहीं इसके उलट निजी ट्यूशन लेने वाले छात्रों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में ट्यूशन क्लास लेने वाले कक्षा एक से 1-8 के छात्रों का प्रतिशत 30.5% है, जबकि यह आंकड़ा साल 2018 में 26.4% था. वही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में, निजी ट्यूशन लेने वाले बच्चों के अनुपात में 2018 के स्तर पर 8 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि हुई है.

अब ज्यादा लड़कियां जा रही है स्कूल

एसईआर 2022 के मुताबिक 11-14 वर्ष एज ग्रुप की लड़कियों की संख्या जो स्कूल नहीं जाती, उनके आंकड़े में भी कमी आई है. 2018 में ऐसी लड़कियों की संख्या में 4% की तुलना में 2022 में 2% की कमी हुई है. यह आंकड़ा केवल उत्तर प्रदेश में लगभग 4% है और अन्य सभी राज्यों में कम है.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्कूल में एनरोल्ड लड़कियों के अनुपात में कमी आई है. अब 15-16 आयु वर्ग की बड़ी लड़कियों में यह आंकड़ा कम हुआ है. 2008 में, राष्ट्रीय स्तर पर, 15-16 आयु वर्ग की 20% से अधिक लड़कियों को स्कूल में एनरोल नहीं किया गया था . दस साल बाद 2018 में यह आंकड़ा घटकर 13.5% रह गया था. लगातार 15-16 वर्षीय लड़कियों का एनरोलमेंट नहीं होने का अनुपात गिरना जारी है, यह 2022 में 7.9% पर है.

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