कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरिएंट का खतरा दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच अब कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट, लैमडा वैरिएंट(Lambda Variant) सामने आया है। एक जानकारी के मुताबिक, ये अब तक दुनिया के 30 देशों में फैल चुका है। हालांकि, भारत में अब तक इसका एक भी मामला सामने नहीं है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत में कोरोना वाय़रस का Lambda Variant अब तक नहीं पाया गया है।

ब्रिटेन में फैला

यूके के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ‘लैमडा’ नामक एक नया कोरोना वायरस स्ट्रेन, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में बहुत अधिक खतरनाक है। पिछले चार हफ्तों में 30 से अधिक देशों में इसका पता चला है। पेरू में मिला कोरोना वायरस का Lambda वैरियंट दुनिया के अलग-अलग देशों में तेजी से फैल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ब्रिटेन समेत कई देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक ,यूके में अब तक Lambda स्ट्रेन के छह मामलों का पता चला है।

रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि लैमडा वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है। बता दें कि लैमडा वैरिएंट का पहला मामला पेरू में दर्ज किया गया था। इस वेरिएंट को C.37 स्ट्रेन के रूप में भी जाना जाता है। यूरो न्यूज ने पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (पीएएचओ) के हवाले से बताया कि पेरू में मई और जून के दौरान रिपोर्ट किए गए कोरोना वायरस केस के नमूनों में Lambda Variant का लगभग 82 प्रतिशत हिस्सा है। पेरू में Lambda Variant के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

वैरिएंट कम कर रहे वैक्सीन का असर !

डेल्टा वैरियंट ने अभी भी भारत समेत दुनिया के कई देशों में डर फैला रखा है। चिंता की बात यह है कि वैक्सीन के इस पर असर को लेकर अलग-अलग तरह की रिपोर्ट्स लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि फाइजर(Pfizer) वैक्सीन का असर इजरायल में घटकर 64% हो गया है। यह गिरावट इजरायल में डेल्टा वैरिएंट के प्रसार के साथ सामने आई है।

‘लैमडा’ वेरिएंट्स के लक्षण :

कोरोना वायरस के बाकी वेरिएंट्स की तरह ‘लांब्‍डा’ को भी सिर्फ लक्षणों के आधार पर नहीं पहचाना जा सकता। लक्षण बाकी वेरिएंट्स जैसे ही हैं। ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के मुताबिक, बुखार, लगातार खांसी आना, गंध और स्‍वाद न आना लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई न कोई एक लक्षण मरीज में रहता है।

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