बाल संरक्षण ऑल सुरक्षित बचपन मुहैया कराने के मकसद से हर साल 25 मई को अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस मनाया जाता है इस दिन पूरे विश्व में लापता हुए बच्चे को याद किया जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस मनाने की घोषणा कब हुई.
अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस को मनाने की घोषणा साल 1983 में हुई अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने इस दिवस को मानने का ऐलान किया था. साल 2001 में 25 मई को इंटरनेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइड चिल्ड्रन मिसिंग चिल्ड्रन यूरोप और यूरोपीय आयोग के संयुक्त प्रयास से अंतरराष्ट्रीय मिसिंग चिल्ड्रन डे को औपचारिक रूप से पहली बार मान्यता प्रदान की गई.
अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई.
25 मई 1979 को न्यूयॉर्क में 6 साल का बच्चा एटन पै पैट्ज बस से स्कूल जाते समय गुम हो गया पहली बार किसी बच्चे के लापता होने की घटना ने पूरे अमेरिका में भूचाल ला दिया था. एयरटेल पैट्ज के पिता एक फोटोग्राफर थे उन्होंने अपने बच्चे की ब्लैक एंड वाइट तस्वीर जारी की. जिसके जरिए उसे खोजने की अपील की गई. अमेरिका में यह एक मुहिम बन गया.
अमेरिका में राष्ट्रीय लापता बाल दिवस मनाने का प्रचलन
जिसके बाद तब से हर साल 25 मई को अमेरिका में राष्ट्रीय स्तर पर लापता बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. उसके बाद साल 2001 में इसी दिन यानी कि 25 मई को अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बालक दिवस मनाने की शुरुआत हुई 25 मई को अब व्यापक रूप से मिसिंग चिल्ड्रन डे प्रतीक के रूप में जाना जाता है.
तीन दशक बाद एटन पैट्ज की हत्या का खुलासा हुआ
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में गायब हुए बच्चे एयरटेल पैड जी की हत्या का खुलासा करीब तीन दशक बाद हुआ. पेड्रो हेर्नांडेज नामक एक व्यक्ति ने हत्या की बात कबूली. उसने बताया कि स्कूल जाते वक्त बच्चे की हत्या कर दी थी .
भारत में गुमशुदा बच्चों की स्थिति पर एक नजर
NCRB से जुड़े आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 के मुकाबले साल 2021 में सबसे ज्यादा बच्चे गुम हुए हैं. साल 2020 में मध्यप्रदेश में लापता बच्चों की संख्या 8751 रही. जबकि साल 2021 में मध्य प्रदेश में कुल 10.648 बच्चे लापता हुए उसी तरह राजस्थान में साल 2020 में बच्चों की गुमशुदगी के 3179 मामले दर्ज किए गए. जबकि साल 2021 में राजस्थान में करीब 5354 बच्चे लापता हुए हैं. यूपी में साल 2021 में कुल 2998 बच्चे लापता हुए.