अमृत चंद्र
आपने ग्लू को उसकी बोतल के अंदर कभी चिपके हुए नहीं देखा होगा. हालांकि, अगर ढक्कन खुला रह जाए तो लिक्विड ग्लू ठोस होकर बोतल के अंदर ही रह जाता है. जानते हैं कि ग्लू क्या होता है? ये चीजों को कैसे चिपकाता है? अपनी बोतल में क्यों नहीं चिपकता है?
फेविकोल, फेविक्विक समेत तमाम ग्लू कंपनियां अपने विज्ञापनों में दावा करती हैं कि उनका ग्लू चुटकी में चीजों को चिपका देता है या ऐसा जोड़ लगाए, अच्छे से अच्छा ना तोड़ पाए. दावा किया जाता है कि जिस चीज को ग्लू से जोड़ा गया है, वो चाहे पूरी की पूरी टूट जाए, लेकिन उनका ग्लू चिपका ही रहेगा. फेविक्विक जैसे ग्लू को इस्तेमाल करने वाले बहुत ध्यान से उसका प्रयोग करते हैं, क्योंकि ये उंगलियों को भी आपस में चिपका देता है.
सवाल ये उठता है कि जब ग्लू कागज, लकड़ी, प्लास्टिक, रबर से लेकर ज्यादातर चीजों को चिपका सकता है तो अपनी ही बोतल से कैसे नहीं चिपकता है? ये सब जानने से पहले जान लेते हैं कि ग्लू क्या होता है? ग्लू पॉलीमर्स केमिकल्स से बने होते हैं. ये पॉलीमर्स लंबे स्ट्रैंड होते हैं, जो या तो चिपचिपे होते हैं या खिंचने वाले होते हैं. ग्लू बनाने वाले लोग चिपचिपे और फैलने वाले पॉलीमर का सही आकलन करके ऐसा पॉलीमर खोजते हैं, जो खिंचने में भी सही हो. यही ग्लू हम लोग चीजों को चिपकाने में इस्तेमाल करते हैं.
कैसे चीजों को आपस में चिपका देते हैं ग्लू
विशेषज्ञ खिंचने में सही चिपचिपे पॉलीमर्स को खोजने के बाद इसमें पानी मिलाते हैं. फेविकोल जैसे सफेद ग्लू में भी पानी होता है. दरअसल, पानी सॉल्वेंट की तरह काम करता है. ये पानी ही बोतल के अंदर ग्लू को सूखने नहीं देता और सेमी लिक्विड बनाए रखता है. अब आप जब ग्लू को बोतल से बाहर निकालते हैं तो कुछ देर में ये सूख जाता है और चीजों को चिपका देता है. हम यहां स्पष्ट कर दें कि इस प्रक्रिया में ग्लू नहीं सूखता, बल्कि पानी भाप बनकर उड़ जाता है. ऐसे में सतह पर सिर्फ पॉलीमर बचता है, जो चीजों को चिपका देता है.
बोतल में क्यों नहीं चिपकते फेविकोल जैसे ग्लू
अब सवाल ये उठता है कि फेविकोल जैसा ग्लू अपनी बोतल में क्यों नहीं चिपकता है? सफेद ग्लू जैसे फेविकोल को अंदर ही चिपकने से बचाने के लिए बोतल को हमेशा बंद रखना पड़ता है. दरअसल, ग्लू के साथ बोतल के अंदर मौजूद पानी को भाप बनकर सूखने से बचाने के लिए ऐसा किया जाता है. बोतल में ग्लू और पानी मिले रहते हैं इसलिए वो सूखता नहीं है. आपने देखा होगा कि जब कभी फेविकोल का ढक्कन खुला छूट जाता है तो कुछ देर बाद ग्लू सूखकर ठोस हो जाता है और अंदर चिपका रह जाता है.
फेविक्विक जैसे ग्लू कैसे करते हैं काम
फेविक्विक जैसे ग्लू में पानी का इस्तेमाल नहीं होता है और ना ही ये पॉलीमर से बनते हैं. इनमें साइनोएक्रिलेट केमिकल होता है. ये केमिकल जब हवा में मौजूद पानी के संपर्क में आता है तो चीजों को चिपका देता है. फेवीक्विक जैसे ग्लू को पानी से बचाना पड़ता है. ऐसे में इसे बनाने वाले ऐसी बोतल का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें पानी का एक कण भी ना पहुंच पाए. अगर फेवीक्विक के ढक्कन को भी खुला छोड़ दिया जाए तो वॉटर वेपर से मिलकर सूख जाएगा और अंदर ही चिपका रह जाएगा.
(‘न्यूज़ 18 हिंदी’ के साभार )