विकास शर्मा
दुनिया में भविष्य के शहर अब कल्पना नहीं बल्कि साकार दिखाई देंगे और उसमें लोग रह भी सकेंगे और वहां रहना बहुत महंगा भी नहीं होगा, मुश्किल हो सकता है. अमेरिका, मैक्सिको, सऊदी अरब, चीन, दक्षिण कोरिया और भारत में ऐसे शहर तैयार किए जा रहे हैं जिनके डिजाइन हमें कल्पना की दुनिया में ले जाने वाले लगते हैं.
अंतरिक्ष चांद और मंगल तक पर तो इंसानी बस्ती बसाने की बातें तो बहुत होती हैं लेकिन इसकी चर्चा बहुत कम होती है कि भविष्य में पृथ्वी के शहर कैसे होंगे. यह कोई विज्ञान फंसाती का विषय नहीं रहा. कई लोगों को यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के कई देश भविष्य के शहर बसाने पर काम कर रहे हैं जिसमें वास्तुकला और शहरी जरूरतों को पूर्ति के लिए डिजाइन और वास्तुकला को अलग ही स्तर पर ले जाया जा रहा है. इसमें अमेरिका, मैक्सिको, सऊदी अरब, चीन, दक्षिण कोरिया और भारत तक शामिल हैं.
अमेरिका में टेलोसा शहर वहां के अरब पति मार्क लोर की कल्पना है जिसका मकसद भविष्य के लिए शहरी आवास के नए और बेहतरीन मानदंड स्थापित करना है. इस परियोजना को 2050 तक पूरा करने का इरादा है लेकिन मजेदार बात यह है कि अभी तक इसकी सही स्थिति तक तय नहीं हुई है. इसमें अक्षय ऊर्जा, हरित क्षेत्र,पानी का सदुपयोग और पुनर्उपयोग, पर्यावरण और आर्थिक नजरिए से हर वर्ग के लिए रहने लायक बनाने जैसे भविष्य की विशेषताएं है.
इटली के मशहूर आर्किटेक्ट स्टेफैनो बोएरी ने 2019 में मैक्सिको के कानकून के पास एक स्मार्ट सिटी की कल्पना और डिजाइन की है जिसमें लोगों का प्रकृति से गहरा रिश्ता होगा इसी लिए इसका नाम भी स्मार्ट फोरेस्ट सिटी ही रखा गया है जिसमें 75 लाख पेड़ पौधे होगे. इसमें इलाके की माया संस्कृति की विरासत और उसका प्राकृतिक रिश्ता दिखाई देगा.
सऊदी अरब जैसे रेगिस्तान वाले देश में शहर की ही कल्पना करना बहुत मुश्किल है. लेकिन यहां एक बहुत ही लग्जरी सुविधाओं वाला शहर विकसित किया जा रहा है जिसमें देश 100 से 200 अरब डॉलर तक खर्च करने वाला है. 100 मील लंबे एक रैखिक शहर में कार की जरूरत ही नहीं होगी. इसमें उच्च गति वाले स्वचलित पर्यावरण अनुकूल वाहन चलेंगे और उससे भी खास बात यह शहर 2030 तक तैयार भी हो जाएगा.
इस सूची में दक्षिण कोरिया जैसे देश भी पीछे नहीं है. ओसियानिक्स बुसान दुनिया का पहला इस तरह का शहर होगा और इसका प्रोटोटाइप तो अप्रैल 2022 में संयुक्त राष्ट्र को दिया भी जा चुका है. तटीय क्षेत्रों का यह शहर आत्मनिर्भर पूरी तरह खुद की मरम्मत करने की क्षमता वाला तैरता हुआ शहर होगा जिसमें समुद्र के जलस्तर के बढ़ने का खतरा नहीं होगा क्योंकि यह तैरता ही रहेगा.
चीन में चेंगदू स्काई वैली भविष्य के शहर के लिए बहुत ही बढ़िया उम्मीदवार साबित होने वाला है. इसे MVRDV कंपनी द्वारा डिजाइन किया गया है. अभी यह परियोजना रुकी हुई है, लेकिन इसे अपने इलाके की घाटियों के ग्रामीण समुदायों की परंपरागत लिनपैन बसाहट की संरक्षित करने के साथ बढ़ाने के मकसद से इसे डिजाइन किया गया है. इसमें कृषि क्षेत्र के संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है. यहां जीवनशैली और प्रकृति के बीच बेहतरीन संतुलन देखने को मिलेगा.
अमरावती, भारत का मास्टर प्लान फोस्टर और सहयोगी कंपनी की परिकल्पना थी. इस परियोजना पर काम नहीं चल रहा है, लेकिन इस शहर की परिकल्पना ने भविष्य के लिए बहुत ही शानदार नजरिया दिया है. इसे पर्यावरण के लिहाज से विशेष तौर पर डिजाइन किया गया था जिसमें विद्युत वाहन, जल टैक्सी, अलग से साइकलों के लिए रास्ते जैसी कई सुविधाओं की तकनीकें होतीं.
(‘न्यूज 18 हिन्दी’ से साभार )