शिवानी त्रिपाठी
आपने अक्सर गोल कुएं देखे होंगे. अधिकांश में समानता उसका आकार ही होती है. कुएं अक्सर गोलाकार ही देखे जाते हैं. लेकिन क्या कभी सोचा है कि कुआं चौकोर-त्रिकोण ना होकर गोल ही क्यों होता है. अगर नहीं तो जान लीजिये.
दुनिया में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आपने देखी तो कई बार होगी, लेकिन उसके बारे में कभी जेहन में कोई सवाल नहीं उठा होगा. ना ही कभी ये जानने की कोशिश की होगी किसी भी चीज़ को बनाने के पीछे क्या वजह हो सकती है. ऐसे तमाम सवाल और वजहें सीधे विज्ञान से जुड़ी हैं, लेकिन शायद हम इसे पसंद, परंपरा या चलन समझने लगते हैं. ठीक वैसे ही जैसे आपने गांव देहात में न जाने कितनी ही बार गोलकुआं देखा होगा लेकिन क्या कभी सोचा है कि कुआं गोल ही क्यों बनाया जाता है. अगर नहीं तो आज जान लीजिए.
आपने अक्सर न जाने कितने ही कुएं देखे होंगे, अधिकांश में एक समानता होती है जो है उसका आकार कुएँ हमेशा गोलाकार के ही देखे गए हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर कुआं चौकोर या त्रिकोण क्यों नहीं होता गोल ही क्यों होता है हाँ तो जान लीजिये की इसके पीछे बड़ा वैज्ञानिक कारण है.
कुएं की गोल आकार के पीछे क्या है वजह
कुएं से पानी निकालकर इस्तेमाल करने का चलन सदियों पुराना है. दशकों पहले से ग्रामीण इलाके कुएं के पानी पर ही निर्भर रहा करते हैं. आज भी बहुत से गांव कुएं पर निर्भर है लेकिन बहुत से गांवों में विकास हो चुका है और नल, बोरिंग, और ट्यूबलेव ने कुएं की जगह ले ली है. लेकिन गोल कुएं को देखने के बाद भी क्या कभी आपने ये सोचा है कि कुएं को हमेशा गोल ही क्यों बनाया जाता है, जबकि पानी तो चौकोर और षटकोण या तिकोने कुए में भी रह सकता है. असल में इसके पीछे कारण वैज्ञानिक है. जो कुएं की उम्र को लम्बा रखने के लिए उसके आकार को गोल निर्धारित करता है.
गोल आकार के पीछे है वैज्ञानिक कारण
अगर चाहे तो चौकोर, षटकोण या त्रिकोण जैसे आकार का कुआं बनाया तो जा सकता है. लेकिन उसकी उम्र ज्यादा नहीं होगी. उसके पीछे वजह ये है कि जितने ज्यादा कोने होंगे पानी का दबाव उन कोनों पर उतना ही ज्यादा पड़ेगा. जिससे वो कोने जल्द ही दबाव के आगे हार मान जाते हैं और उनमें दरारें पड़नी शुरू हो जाती हैं. और वो समय से पहले ही धंसने लगेंगे. जबकि गोलाकार कुएं के साथ फायदा ये होता है कि हर दीवार बराबर होने की वजह से पानी का प्रेशर पूरे के पूरे कुएं पर एक समान होता है. किसी पर फोर्स कम या ज्यादा नहीं होता. और ये कुएं सिर्फ सालों साल ही नहीं दशकों तक बरकरार रहता हैं.
(‘न्यूज 18 हिन्दी’ से साभार )