ललित मौर्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भविष्य में कोविड-19 जैसी घातक महामारियों से बचाव के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य दुनिया को भविष्य में कोविड-19 जैसी घातक महामारियों के प्रकोप से बचाना और देशों की इन महामारियों से निपटने की क्षमता को मजबूत करना है।

जानकारी मिली है कि इस पहल के तहत दुनिया भर में इन्फ्लुएंजा या कोरोना वायरस जैसे रोग जो सांस से जुड़े हैं, उनसे कैसे निपटा जाए इस बारे में मार्गदर्शन दिया जाएगा। देखा जाए तो यह ऐसे वायरस हैं जिनके पास अपने आप में बदलाव और सुधार की क्षमता है।

“प्रेपरेडनेस एंड रेसिलिएंस फॉर इमर्जिंग थ्रेट इनिशिएटिव” नामक इस पहल में महामारी और अन्य स्वास्थ्य आपदाओं की स्थिति में पहले से जो ज्ञान अर्जित किया है उसे आपस में साझा करने और सीखने के साथ सामूहिक कार्रवाई के लिए नवीनतम उपकरणों और दृष्टिकोण को शामिल करने की बात कही है।

इस मामले में जिनेवा में अपनी नियमित साप्ताहिक ब्रीफिंग में बोलते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने  बताया कि अगले सप्ताह एजेंसी, अपनी चौथी रणनीतिक तैयारी और प्रतिक्रिया योजना (एसपीआरपी) लॉन्च करेगी, जो कोविड-19 की शुरुआत के बाद से यानी फरवरी 2020 के बाद पहली बार जारी की जा रही है। उनका कहना है कि इस गाइड को अगले दो वर्षों के दौरान देश कैसे इस महामारी का प्रबंधन करेंगे और आने बाले बदलावों से निपटेंगे, इसका मार्गदर्शन करने के लिए डिजाइन किया गया है।

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी से पहले 92 देशों ने इस बात की पुष्टि की थी कि उनके देशों में इन्फ्लुएंजा जैसे रोगों से निपटने की योजना है। वहीं कई देशों ने महामारी के दौरान कोविड-19 से निपटने के लिए इन योजनाओं को अपनाया है। पता चला है कि महामारी के समय 2021 में 176 देशों के पास इस तरह के बीमारियों से निपटने की योजना थी।

सीखना होगा महामारी के साथ रहना

भले ही भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने ब्रीफिंग में कहा कि, “हम कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों में निरंतर आती गिरावट को लेकर उत्साहित हैं, जिसमें इस वर्ष की शुरूआत से 95 फीसदी की कमी आई है।” हालांकि टेड्रोस ने यह भी कहा कि कुछ देशों में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले चार हफ्तों में 14,000 से ज्यादा लोगों ने इस महामारी में अपनी जान गंवाई है, ऐसे में अब भी हमें सचेत रहने की जरूरत है।

उनका कहना है कि कोविड-19 का शिकार हुए दस में से एक अभी भी लॉन्ग कोविड की समस्या से जूझ रहे हैं। जो इस बात की ओर इशारा है की लम्बे समय से इस बीमारी से जूझ रहे लाखों लोगों को अभी भी लम्बे समय तक देखभाल की जरूरत है।

डब्ल्यूएचओ चीफ का कहना है कि कोविड के नए वैरिएंट एक्सबीबी.1.16 का उभरना दर्शाता है कि यह वायरस अभी भी बदल रहा है, और इस बीमारी का खतरा अभी भी पूरी तरह नहीं टला है और यह भविष्य में मृत्यु की नई लहर पैदा करने में सक्षम है।

उन्होंने आशा जताई कि इस वर्ष के दौरान यह घोषणा की जा सकती है कि कोविड-19 अब सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा नहीं है। लेकिन यह समझना होगा कि यह वायरस अब हमारे साथ रहने वाला है। ऐसे में देशों को अन्य संक्रामक रोगों की तरह ही इसे भी प्रबंधित करना सीखना होगा।

गौरतलब है कि कोविड-19 वैश्विक स्तर पर अब तक 76.4 करोड़ से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। वहीं महामारी से अब तक 69.2 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में भी अब तक कोरोना के 4.5 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 4.43 करोड़ मरीज ठीक हो चुके है। वहीं इस प्रकोप से अब तक 531,468 लोगों की मौत हो चुकी है।

   (‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )

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