वर्ल्ड हार्ट डे हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को दिल के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है. 

हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे यानी विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. दिल हमारे शरीर का अहम अंग है और बीते कुछ सालों में हार्ट पेशेंट की संख्या तेजी से बढ़ी है. दिल को कमजोर बनाने के पीछे काफी हद लोग खुद जिम्मेदार माने जाते हैं. इस वजह से लोगों को कम उम्र में ही दिल का दौरा पड़ रहा है या फिर वे कोरोनरी हार्ट डिजीज समेत दिल की कई बीमारियों की चपेट में हैं. डब्ल्यूएचओ भी कह चुका है कि खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की आदत कम उम्र में ही दिल का मरीज बना सकती है. लोगों को दिल के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व हृद्य दिवस मनाया जाता है.

कैसे काम करता है दिल?

दिल शरीर का अहम हिस्सा है. ये शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन पहुंचाता है इसलिए इसका ठीक रहना बहुत जरूरी है. हमारे कार्डियोवास्कुलर सिस्टम का सबसे जरूरी अंग दिल है. ये शरीर में ब्लड की सप्लाई करता है.

वर्ल्ड हार्ट डे का इतिहास

पहला वर्ल्ड हार्ट डे साल 2000 में 24 सितंबर को मनाया गया था. इस दिन को मनाए जाने में एंटनी बेयस डी लूना का बड़ा हाथ रहा है. वे साल 1997 से 1999 तक वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष रहे थे और ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ने इस दिन को मनाए जाने का विचार सबसे पहले रखा था. वैसे बाद में 24 के बजाय 29 सितंबर से वर्ल्ड हार्ट डे सेलिब्रेट किया जाने लगा.

वर्ल्ड हार्ट डे की थीम

साल 2023 यानी इस बार वर्ल्ड हार्ट डे की थीम ‘Use Heart, Know Heart’ रखी गई है. वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की ओर से इस थीम का ऐलान किया गया है.

क्या है वर्ल्ड हार्ट डे का महत्व

बढ़ा हुआ बैड कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, या ओवरवेट जैसी कई समस्याएं दिल को कमजोर बनाती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरे विश्व में कैंसर से ज्यादा दिल की बीमारियों से लोगों की मौत हो रही है. वर्ल्ड हार्ट डे के जरिए लोगों को जागरूक किया जाता है कि दिल की सेहत को दुरुस्त रखना कितना जरूरी है.

क्या कहते हैं  एक्सपर्ट

डॉ. सुभेंदु मोहंती का कहना है कि युवाओं में हार्ट की प्रॉब्लम एक बड़ा मुद्दा है. डॉ. के मुताबिक युवा पीढ़ी में हार्ट की समस्याएं बढ़ती जा रही है. युवाओं को हार्ट समस्याओं का सामना करने के कई कारण हो सकते हैं. एक मुख्य कारण अस्वस्थ खान-पान और अल्कोहल, तंबाकू और दवाओं का अधिक सेवन हो सकता है.

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