प्रतीति पांडे

जब से ये दुनिया बनी है, इंसान एक ही चीज़ हासिल करना चाहता है – अमरता. अब विज्ञान की बदौलत दावा किया जा रहा है कि अगले 25 साल बाद इंसान शारीरिक तौर पर न सही लेकिन वर्चुअल वर्ल्ड में हमेशा ज़िंदा रह सकेगा.

इंसान हमेशा से अमर होना चाहता था. पौराणिक युग में जहां लोग तपस्या करके ईश्वर से अमरता का वरदान मांगते थे. जब से विज्ञान हमारे जीवन में आया है, तब से वैज्ञानिक इसी तकनीक की खोज में लगे हैं कि इंसान को लंबी ज़िंदगी दी जा सके. अब भविष्यवक्ता और वैज्ञानिक डॉक्टर इयान पियर्सन का दावा है कि साल 2050 तक इंसान हमेशा के लिए जीने में सक्षम हो सकते हैं.

डॉक्टर इयान पियर्सन का कहना है कि साल 2050 तक लोग मरेंगे नहीं बल्कि अपना दिमाग कंप्यूटर या रोबोटिक शरीर में अपलोड करके अमरता हासिल कर लेंगे. ये सुनने में ज़रा अजीब है लेकिन डॉक्टर पियर्सन के मुताबिक, कंप्यूटिंग, जेनेटिक इंजीनियरिंग और रोबोटिक्स में तेजी से हो रही तरक्की से ऐसा संभव होगा. इंसानों को जैविक मृत्यु के बाद भी जीवित रहने की सुविधा मिल सकेगी.

मरेंगे नहीं, अपलोड होंगे इंसान

डॉक्टर पियर्सन ने ये भी बताया है कि साल 2050 तक ये तकनीक सिर्फ अमीर और मशहूर लोगों के लिए होगी, लेकिन 2060 के दशक में यह आम मध्यम वर्ग के लिए भी उपलब्ध हो सकती है. वे बाते हैं कि जेनेटिक इंजीनियरिंग से बुढ़ापा रोका जा सकता है और कोशिकाओं को युवा और स्वस्थ रखा जा सकता है. इसके अलावा, ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस जैसी तकनीक इंसानों को अपने विचार और यादें वर्चुअल दुनिया या रोबोटिक शरीर में अपलोड करने की सुविधा देंगी. ऐसे में भौतिक तौर पर मौत हो भी जाए तो मरने के बाद भी वे डिजिटल रूप में जिंदा रह सकते हैं.

कुर्जवील ने की थी भविष्यवाणी

यह दावा उस वक्त सामने आया है जब प्रसिद्ध फ्यूचरिस्ट रे कुर्जवील ने भविष्यवाणी की है कि साल 2029 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानी दिमाग की बराबरी कर लेगा. पूर्व गूगल इंजीनियर रहे कुर्जवील ने कहा कि 2030 के दशक में इंसानों के दिमाग सीधे क्लाउड से जुड़ सकेगा, जिससे सोचने की क्षमता और बढ़ेगी.

वे इससे पहले शतरंज चैंपियन को हराने वाले कंप्यूटर और स्मार्टफोन की लोकप्रियता की भविष्यवाणी भी कर चुके हैं. उनका दावा है कि साल 2045 तक इंसान साइबोर्ग बन सकते हैं. ये ऐसे जीव होंगे, जो मशीन और मानव दोनों के रूप में कार्य कर सकें. इंसान अपने दिमाग को नई तकनीकी रूप से बनी बॉडी में डाउनलोड कर सकेंगे.

       (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )

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