इस वक्त जापान में, टोक्यो में खेलों का महाकुम्भ ओलंपिक्स का आयोजन चल रहा है. दुनिया भर के देशों के प्रतिभावान खिलाड़ी अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं. भारत ने भी टोक्यो में 120 खिलाड़ियों का दल भेजा है और कई खिलड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए भारत को अब तक 5 पदक दिलाए हैं. क्रिकेट के दीवाने देश में कुश्ती, बॉक्सिंग, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, शूटिंग जैसे तमाम खेल सुर्खिया बटोर रहे हैं और भारत के जनमानस में फिर से तमाम खेलों के प्रति आकर्षण बढ़ा है और नई पीढ़ी की, खेलों के महत्ता के प्रति जागरूकता बढ़ी है

स्पोर्ट्स का क्या है महत्व ?

स्पोर्ट न केवल मनोरंजन कारक है बल्कि इसके कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी हैं। यह किसी व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व को उसके अनुकूल और सक्रिय बनाकर बढ़ाता है। खेल खेलने के कुछ प्रमुख स्वास्थ्य लाभ नीचे दिए गए हैं:

  • समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार : खेलों में व्यायाम शामिल होता है जो हमारे दिल को हमारे शरीर की समग्र हृदय प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  • वजन का प्रबंधन करता है : खेल कैलोरी बर्न करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह व्यायाम है जो हमें आनंद देता है और हमारे वजन का प्रबंधन करता है।
  • मांसपेशियों की ताकत बढ़ाता है : खेल हमारे मांसपेशियों के स्वास्थ्य में सुधार करता है और हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है और हमारे शरीर के लचीलेपन में सुधार करता है।
  • चिंता निवारक : स्पोर्ट सबसे अच्छा स्ट्रेस बस्टर है। यह हमारे मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है और तनाव से राहत देता है। यह अवसाद से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है।
  • एकाग्रता में सुधार करता है : खेल हमारी एकाग्रता में सुधार करके हमारे दिमाग को सतर्क और सक्रिय बनाते हैं। यह फोकस को तेज करने और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है।

स्पोर्ट्समैनशिप 
स्पोर्ट्समैन स्पिरिट निष्पक्ष खेलने का एक आचरण होता है और बहुत ही शानदार तरीके से जीत या हार को स्वीकार करता है। इसे प्रतिद्वंद्वी के प्रति सम्मान की भावना के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, खेल के नियमों का पालन करते हुए, रेफरी या अधिकारियों आदि के निर्णय के बारे में सम्मान देते हुए स्पोर्ट्समैनशिप व्यक्ति को अपमानित किए बिना बहुत सकारात्मक और परिपक्व तरीके से अपनी जीत को स्वीकार करता है। स्पोर्ट्समैनशिप को न केवल मैदान पर प्रदर्शित किया जाना है, बल्कि इसे जीवन भर निभाना है। यह लोगों को उनकी कड़ी मेहनत और योगदान के लिए सराहना करने में मदद करता है और एक सकारात्मक दृष्टिकोण और दूसरों के प्रति सम्मानजनक होने का प्रदर्शन भी करता है। खेल तनाव से लड़ने में भी मदद करते हैं जो आजकल हर क्षेत्र में बहुत आम है। यह आपको खुश करता है और आपके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह हमें अनुशासन, समय का मूल्य और टीम भावना सिखाता है जो हमें हर चुनौती को हराकर और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। खेल एक व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व को बढ़ाता है और उसे स्मार्ट, उत्पादक और केंद्रित बनाता है

खेल कूद में बढ़ रहे रोजगार के अवसर

स्वास्थ्य लाभ के अलावा, खेल को कैरियर विकल्प के रूप में भी चुना जा सकता है। आप एक प्रशिक्षक, कोच, अंपायर, खेल पत्रकार, खेल शिक्षक आदि के रूप में काम कर सकते हैं। वहीं आज सरकारी व निजी दोनों क्षेत्रों में खिलाड़ियों के लिये नौकरियाँ पाने के कई अवसर हैं। रेलवे, एअर इंडिया, भारत पेट्रोलियम, ओ.एन.जी.सी., आई-ओ-सी- जैसी सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ टाटा अकादमी जैसे निजी समूह भी खेलों व खिलाड़ियों के विकास के लिए काम कर रहे हैं. इसके अलावा पिछले कुछ सालों में  स्थानीय क्लबों के स्तर पर भारी निवेश ने खिलाड़ियों को  बेहतर मंच एवं अवसर उपलब्ध कराया है। 

स्कूलों में खेलों को दिया जाए बढ़ावा

एक चिंतनीय विषय है कि देश मे कई स्कूलों में शिक्षा पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है लेकिन खेलों पर नहीं। कुछ स्कूल तो ऐसे हैं जहां खेल सीमित ही होते हैं। ऐसे में अभिभावक की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्हें अपने स्तर पर ही बच्चों को खेल से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और पढ़ाई के बराबर खेलों को महत्व देना चाहिए। मौजूदा दौर में बच्चे ऑनलाइन गेमिंग में काफी समय व्यर्थ करते हैं, जिसका उनके स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. ऐसे में बच्चों को खेलों के मैदान में भेजने की पहले से ज़्यादा आवश्यकता है.  कोरोना कॉल में भी ऑनलाइन क्लासेस के कारण बच्चें घरों मे बंद रहे और अब जब दूसरी लहर के थमने के बाद जब स्कूल्स दोबारा खुल रहे हैं, ऐसे में खेलों पर भी दोबारा ध्यान दिया जाना चाहिए

सरकार भी खेलकूद को प्राथमिकता दे

केंद्र और राज्य सरकारों की भी ज़िम्मेदारी है कि खेलों पर निवेश बढ़ाए. पिछले साल भी केंद्र सरकार ने खेलों का बजट घटाया गया था, जो चिंता का विषय है. ऐसे में खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीद करना भी फीका लगने लगता है. वहीं ओडिशा सरकार 2018 से ही महिला और पुरूष हॉकी टीम को स्पॉन्सर कर रही है और बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के दिशा में आगे बढ़ी है. इस बार हॉकी में भारत का उम्दा प्रदर्शन इसी का नतीजा है. इससे निष्कर्ष निकलता है कि अगर देश की विभिन्न सरकार खेलों को प्रथमिकता दे और खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं दे, तो हम अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर करेँगे और आगामी युवा पीढ़ी भी खेलों में अपना कैरियर तलाश करेगी.

 

 

 

 

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