अपूर्व विज्ञान मेला विज्ञान शिक्षा के लिए मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. उक्त विचार डॉ. रिन्टू नाथ ( वरिष्ठ वैज्ञानिक, विज्ञान प्रसार, भारत सरकार ) ने व्यक्त किए। वे कल नागपुर (महाराष्ट्र) में अपूर्व विज्ञान मेला के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उल्लेखनीय है कि एसोसिएशन फॉर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इन बेसिक साइंस एजुकेशन, नागपुर महानगर पालिका एवं प्रसार भारती, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में अपूर्व विज्ञान मेला का आयोजन 15 से 19 दिसंबर तक निर्धारित है।

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रिन्टू नाथ ने बताया कि विज्ञान प्रसार पूरे देश में इस प्रकार की एक्टिविटि बेस लर्निंग के लिए कार्य करती है. उन्होंने कहा कि दरअसल, विज्ञान की अवधारणाओं को सिर्फ क्लासरूम में बैठ कर ही नहीं समझा जा सकता है. इसके लिए प्रयोग जरूरी है. प्रयोग भी ऐसे हों जो आसानी से तैयार किए जा सकें. इस दृष्टिकोण से अपूर्व विज्ञान मेला का प्रयोग उल्लेखनीय कहा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भी इसी प्रकार की एक्टिविटी को बढ़ावा देती है. साथ ही विज्ञान शिक्षा के लिए तो यह मॉडल बहुत उपयोगी है. राष्ट्रभाषा भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत संस्था के सचिव सुरेश अग्रवाल ने किया.

राज्य विज्ञान शिक्षण संस्था के निदेशक रवींद्र रमतकर ने कहा कि अपूर्व विज्ञान मेला कन्सेप्ट आधारित प्रयोग है. आसानी से उपलब्ध सामानों से सहजता से प्रयोग किए जा सकते हैं. अत्यंत कम खर्च के प्रयोगों से विज्ञान की अवधारणाओं को स्पष्टता से समझने का तरीका यहां से सीखा जा सकता है. विद्यार्थी, शिक्षक और आम जनता ने भी इसका लाभ उठाना चाहिए. महानगर पालिका की शिक्षणाधिकारी प्रीति मिश्रीकोटकर ने कहा कि अपूर्व विज्ञान मेला मनपा शाला के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए अपूर्व अवसर है. इससे विद्यार्थियों में ज्ञान, संवाद कौशल का विकास होता है. समाज में भी विज्ञान शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ती है.

एआरटीबीएसई के कार्याध्यक्ष राजाराम शुक्ला ने कहा कि सभी के प्रयासों से विज्ञान मेला के 24 वर्ष पूरे हो चुके हैं. अगले वर्ष यह अभिनव प्रयोग रौप्य महोत्सव मनाने जा रहा है. इस अवसर को ध्यान में रखते हुए विज्ञान शिक्षा को रोचक बनाने की दिशा में कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

प्रमुख रूप से तापस साहा, मनपा के जनसंपर्क अधिकारी मनीष सोनी, अब्दुल बारी खान उपस्थित थे. मेला 19 दिसंबर तक सुबह 11 से शाम 4 बजे तक राष्ट्रभाषा परिसर में जारी रहेगा. मनपा शालाओं के विद्यार्थियों द्वारा प्रयोगों का प्रदर्शन किया जा रहा है. देश भर से आए डेलिगेट्स भी विज्ञान की बारीकियां रोचक अंदाज में समझा रहे हैं.

पथनाट्य के माध्यम से जनजागरण
राष्ट्रभाषा परिवार के कलाकारों ने पथनाट्य सरलता से समझेंगे विज्ञान प्रस्तुत किया. इसमें प्लास्टिक, मोबाइल जैसे वैज्ञानिक आविष्कारों के फायदे और नुकसान का वर्णन रोचक अंदाज में किया गया. लेखन पुष्पक भट, निर्देशन पुष्पक भट और शुभम गौतम, कलाकार निहारिका मस्के, शुभम शेंडे, वैभव खोबरागडे, मयूर मानकर, कृष्णा लट्टा, अंजलि निखारे, सपोर्टिंग निकिता ढाकुलकर, अक्षय खोबरागडे, अतुल आडे, अर्सलन शेख, आकांक्षा कामडे ने भाग लिया.

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