अमित उपाध्याय
इंसुलिन रजिस्टेंस सेहत के लिए डायबिटीज की बीमारी पैदा करने से भी कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है. इसका खुलासा एक हालिया रिसर्च में हुआ है. इसमें पता चला है कि इंसुलिन रजिस्टेंस 30 से ज्यादा बीमारियां पैदा कर सकता है.
हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है. जब बॉडी में इंसुलिन रजिस्टेंस पैदा हो जाता है, तब डायबिटीज की बीमारी पैदा हो जाती है. आमतौर पर इंसुलिन रजिस्टेंस को डायबिटीज से जोड़ा जाता है, लेकिन यह कई बीमारियों की वजह बन सकता है. एक हालिया रिसर्च में खुलासा हुआ है कि इंसुलिन रजिस्टेंस से अलग-अलग तरह की 31 बीमारियां हो सकती हैं. शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि इंसुलिन रजिस्टेंस के कारण महिलाओं में जल्दी मौत का खतरा बढ़ सकता है. इसे लेकर महिलाओं को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए.
यूरोन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार चीन के शेडोंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में दावा किया है कि इंसुलिन रजिस्टेंस महिलाओं में कई बीमारियों और जल्दी मौत का कारण बन सकता है. इस रिसर्च में इंसुलिन रजिस्टेंस के कारणों को पूरी तरह से नहीं समझा नहीं गया है, लेकिन ज्यादा वजन और फिजिकल इनएक्टिविटी को इसका सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है. यूके बायो बैंक के 5 लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण करने के बाद शोधकर्ताओं ने यह कहा है. 13 साल तक स्टडी करने के बाद रिसर्चर्स ने पता लगाया कि इंसुलिन रजिस्टेंस का लिंक 31 बीमारियों के साथ जुड़ा हुआ है.
डायबिटोलोजिया जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में पाया गया कि रिसर्च में शामिल जिन लोगों का इंसुलिन रजिस्टेंस का स्तर ज्यादा था, वे आमतौर पर पुरुष, बुजुर्ग, कम एक्टिव, धूम्रपान करने वाले और मोटापे से ग्रस्त थे. इंसुलिन रजिस्टेंस की वजह से इनमें 26 बीमारियों के विकसित होने का हाई रिस्क पाया गया, जिसमें नींद संबंधी डिसऑर्डर, बैक्टीरियल इंफेक्शन और पैंक्रियाटाइटिस शामिल हैं. महिलाओं में इंसुलिन रजिस्टेंस में हर एक यूनिट की वृद्धि के साथ मौत का खतरा 11 प्रतिशत अधिक था. इससे पता चला कि महिलाओं में इंसुलिन रजिस्टेंस सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर से जुड़ा है.
क्या होता है इंसुलिन रजिस्टेंस?
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश गुप्ता ने News18 को बताया कि हमारे शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन नामक हॉर्मोन बनता है. यह पैंक्रियाज में बनता है और जब-जब खून में शुगर का लेवल ज्यादा होता है, तब यह रिलीज होने लगता है. इससे शुगर लेवल नॉर्मल हो जाता है.
जब हमारे शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं, तब इस कंडीशन को इंसुलिन रजिस्टेंस कहा जाता है. ऐसी कंडीशन में लोगों का शुगर लेवल अनकंट्रोल हो जाता है और टाइप 2 डायबिटीज हो जाती है.
(‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )