विकास शर्मा

वैज्ञानिकों ने अनाज के दाने के आकार का एक खास नर्म रोबोट बनाया है. इसे मैग्नेटिक फील्ड के जरिये नियंत्रित किया जा सकेगा, जिससे शरीर के खास हिस्सों तक पहुंचाया जा सकेगा और समय समय पर चार तरह के डोज शरीर में छोड़े जा सकेंगे जिससे इलाज ज्यादा सटीक हो सकेगा.

अभी तक मरीजों को दवा या तो खाने के रूप में दी जाती है या फिर इंजेक्शन से दी जाती है. बाहरी चोट के लिए मलहम या अन्य दवाएं हैं. इंजेक्शन में भी या तो वो मांसपेशी में दी जाती है या फिर नसों के जरिए खून में मिला दी जाती है. कुछ इंजेक्शन स्थानीय प्रभाव देते हैं. पर किसी खास अंग में खाने वाली दवा का असर  हो इसके लिए अभी कोई खास समाधान नहीं है. अब वैज्ञानिकों ने  दाने के आकार के रोबोट तैयार किए हैं जिनका शरीर के अंग विशेष में पहुंचा कर उन्हें बाहर से नियंत्रित किया जा सकता है.

काम की है ये खोज
सिंगापुर के नान्यांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने ये दाने के आकार के नरम रोबोट विकसित किए हैं. इन्हें लक्षित दवा वितरण के लिए चुंबकीय क्षेत्रों का उपयोग करके नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे भविष्य में संभावित बेहतर इलाज के तरीके का रास्ता बनेगा. खास तौर से बेहोश या कोमा में रहे मरीजों के उपाचर में मददगार होगा.

पहले के ऐसे रोबोट से अलग हैं ये
ऐसा नहीं है कि इतने छोटे रोबोट पहले नहीं बने हैं, शोधकर्ताओं का कहना कि पहले के छोटे पैमाने के रोबोट केवल तीन प्रकार की दवाओं को ले जा सकते हैं और उन्हें क्रम में जारी करने के लिए प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है. चिकित्सा के अलावा भी तमाम तरह के क्षेत्रों में इनके प्रयोग जारी हैं और कई सफल भी हुए हैं.

पहले से  बेहतर और ज्यादा नियंत्रण
एडवांस्ड मैटेरियल्स में प्रकाशित यह स्टडी लघु रोबोट का पहला रिपोर्ट किया गया उदाहरण है जो चार अलग-अलग दवाओं को ले जा सकता है. उन्हें फिर से प्रोग्राम करने योग्य क्रम और खुराक में जारी कर सकता है. यानी एक डोज सुबह, दूसरा शाम को दिया सकता है और दोनों डोज में भी अतंर भी पहले से तय करने के साथ बीच समय में भी बदल जा सकता है क्योंकि उसे बाहर से नियंत्रित किया जा सकता है.

टीम पहले भी तैयार कर चुकी है ऐसे रोबोट
वहीं नए विकसित लघु रोबोट सटीक काम करते हैं. वे साइड इफेक्ट्स को कम करते हुए चिकित्सीय नतीजों में काफी सुधार करने की क्षमता रखते हैं. एनटीयू टीम ने पहले चुंबकीय रूप से नियंत्रित लघु रोबोट विकसित किए थे, जो तंग जगहों से ‘तैरने’ और छोटी वस्तुओं को पकड़ने जैसे जटिल युद्धाभ्यास करने में सक्षम थे.

और छोटा बनाने की कोशिश क्यों?
एनटीयू शोध दल अब अपने रोबोट को और भी छोटा बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि उनका उपयोग अंततः ब्रेन ट्यूमर, मूत्राशय कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर जैसी स्थितियों के लिए क्रांतिकारी उपचार प्रदान करने के लिए किया जा सके. इससे पहले कि इन छोटे रोबोटों को ऐसे चिकित्सा उपचारों के लिए तैनात किया जाए, एनटीयू के शोधकर्ताओं का लक्ष्य ऑर्गन-ऑन-चिप उपकरणों और पशु मॉडलों के साथ उनके प्रदर्शन का और अधिक मूल्यांकन करना है.

कहां से मिली प्रेरणा?
स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (MAE) के लीड इन्वेस्टिगेटर और असिस्टेंट प्रोफेसर लुम गुओ झान ने बताया कि टीम ने 1960 के दशक की फिल्म “फैंटास्टिक वॉयेज” से प्रेरणा ली, जिसमें एक वैज्ञानिक के मस्तिष्क में हुए नुकसान की मरम्मत के लिए पनडुब्बी चालक दल को छोटा कर दिया जाता है.

झान ने कहा, “जो एक विज्ञान-फाई फिल्म में एक सीन था, वह अब हमारी प्रयोगशाला के इनोवेशन के साथ हकीकत के करीब होता जा रहा है. दवा देने के पारंपरिक तरीके, जैसे कि मौखिक प्रशासन और इंजेक्शन, तुलनात्मक रूप से अप्रभावी लगेंगे जब शरीर के माध्यम से एक छोटे रोबोट को भेजकर दवा को ठीक उसी जगह पहुंचाया जाए जहां इसकी जरूरत है.” टीम ने ऑर्गन-ऑन-चिप उपकरणों और पशु मॉडलों का उपयोग करके अतिरिक्त प्रदर्शन टेस्टिंग करने की योजना बनाई है.

       (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )

Spread the information