कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर (Second Wave) मंद पड़ने के बाद स्कूलों (School Re-Open) को फिर से खोले जाने की बात चलने लगी है. कई राज्यों ने स्कूलों को खोलने को लेकर फैसला ले लिया है. आज से पंजाब, ओड़िसा और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रोटोकॉल संग खुल भी चुके है |
कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर (Second Wave) मंद पड़ने के बाद स्कूलों (School Re-Open) को फिर से खोले जाने की बात चलने लगी है. कई राज्यों ने स्कूलों को खोलने को लेकर फैसला ले लिया है. हालांकि, अब भी कई पैरेंट्स ऐसे हैं, जो कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं. पैरेंट्स में बच्चों की महामारी से सुरक्षा को लेकर पूरा विश्वास नहीं आ पा रहा है.
दरअसल, इसके पीछे एक बड़ी वजह अभी तक देश में बच्चों के कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन नहीं होना है. 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण तो हो रहा है, लेकिन बच्चों के लिए अभी टीका बाजार में नहीं आया है. इस वजह से लोग आशंकित हैं. एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया भी कह चुके हैं कि उन इलाकों में स्कूलों को खोलने पर विचार करना चाहिए, जहां अभी कोविड की पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम है.
पिछले साल मार्च में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए पहले देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से भारत के अधिकांश स्कूल बंद चल रहे हैं. डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में कई बच्चे वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और उनमें से कई लोगों ने नैचुरल इम्युनिटी डेवलप कर ली है. उन्होंने बताया कि सितंबर महीने तक बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. कोवैक्सीन के बच्चों पर हो रहे क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती डेटा काफी उत्साहित करने वाले हैं. ऐसे में आपको उन वैक्सीन्स के बारे में बता रहे हैं, जिनके आगामी समय में आने की संभावनाएं हैं.