सचिन श्रीवास्तव

इस नवीनतम अध्ययन और पिछले शोध से पता चलता है कि कैंसर के जिन प्रकारों को माना जाता था कि वे वृद्धावस्था वर्ग समूह में ही होते हैं, उनसे भी युवा अब तेजी से पीड़ित हो रहे हैं. इनमें आंत का कैंसर, पेट का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर और अग्नाशय कैंसर शामिल हैं. यह चिंताजनक है क्योंकि इनमें से कुछ कैंसर – विशेष रूप से अग्नाशय और पेट के कैंसर में जीवित रहने की दर कम होती है.

कैंसर को अक्सर एक ऐसी बीमारी माना जाता है जो अधिकतर वृद्ध लोगों को प्रभावित करती है. लेकिन नए शोध से यह पता चलता है कि युवाओं में कैंसर के बढ़ते मामले एक समस्या बन गए हैं, जो चिंताजनक है. अध्ययन में पाया गया कि पिछले तीन दशकों में वैश्विक स्तर पर कैंसर से पीड़ित 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत बढ़ी है.

चिंता की बात यह भी है कि युवाओं में कैंसर के कई प्रकार सामने आ रहे हैं. इस नवीनतम अध्ययन और पिछले शोध से पता चलता है कि कैंसर के जिन प्रकारों को माना जाता था कि वे वृद्धावस्था वर्ग समूह में ही होते हैं, उनसे भी युवा अब तेजी से पीड़ित हो रहे हैं. इनमें आंत का कैंसर, पेट का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर और अग्नाशय कैंसर शामिल हैं. यह चिंताजनक है क्योंकि इनमें से कुछ कैंसर, विशेष रूप से अग्नाशय और पेट के कैंसर में जीवित रहने की दर कम होती है. क्योंकि तथ्य यह है कि इस तरह के कैंसर का पता अक्सर देरी से चलता है. शोध से यह भी पता चला है कि वृद्धों की तुलना में युवाओं में आंत के कैंसर का पता आखिरी चरण में चलता है. इस नवीनतम अध्ययन से यह स्पष्ट है कि कैंसर 50 साल से कम उम्र वालों में अधिक आम होता जा रहा है. विशेषज्ञ अब भी पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं कि इस वृद्धि का कारण क्या है.

कम उम्र में कैंसर
अध्ययन में 204 देशों और क्षेत्रों के 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में कैंसर के मामलों की जांच की गई जिसे ‘प्रारंभिक शुरुआती कैंसर’ कहा जाता है. विश्लेषण के लिए आंकड़ा 1990 और 2019 के बीच एकत्र किया गया था. शोधकर्ताओं ने न सिर्फ शुरुआती कैंसर की घटनाओं को जानने में रुचि दिखाई, बल्कि उन्होंने यह भी जानना चाहा कि 50 साल से कम की प्रारंभिक शुरुआती उम्र में किस प्रकार के कैंसर का बोझ सबसे अधिक था.

उन्होंने पाया कि 2019 में दुनिया भर में शुरुआती उम्र में कैंसर के 32.6 लाख मामले थे जो 1990 के बाद से 79 प्रतिशत अधिक थे. शोधकर्ताओं ने यह भी अनुमान जताया कि 2030 तक कैंसर से पीड़ित 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों की संख्या में 31 प्रतिशत की और वृद्धि होगी. स्तन कैंसर 2019 में सबसे आम शुरुआती कैंसर था, लेकिन प्रोस्टेट और गले के कैंसर की घटनाएं 1990 के बाद से सबसे तेज दर से बढ़ी हैं. इसी अवधि में लिवर कैंसर सबसे तेजी से कम हुआ है.

अज्ञात कारण
50 साल से कम उम्र में कैंसर क्यों बढ़ रहा है, इसका कोई एक स्पष्ट कारण नहीं है. युवा लोगों में कुछ कैंसर आनुवंशिक स्थिति के परिणामस्वरूप होते हैं, लेकिन ये केवल कुछ ही मामलों (लगभग 20 प्रतिशत) के लिए जिम्मेदार होते हैं. जीवनशैली के कारक जैसे कि हम जो भोजन खाते हैं, चाहे हम शराब पीते हों या धूम्रपान करते हों और अधिक वजन होना, ये सभी कई प्रकार के कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं. अनुसंधान संकेत देते हैं कि उदाहरण के लिए कारक प्रारंभिक-शुरुआती कोलोरेक्टल कैंसर में वृद्धि में योगदान दे सकते हैं. लेकिन क्या ये कारक अन्य प्रकार के शुरुआती कैंसर के लिए सच होते हैं, यह अज्ञात है.

प्रारंभिक उम्र के कैंसर से प्रभावित कुछ लोग स्वस्थ जीवन शैली जी सकते हैं. इससे पता चलता है कि संभवतः वृद्धि के अन्य कारण भी हैं जिनका अब तक पता नहीं चल पाया है. इस शोध से यह स्पष्ट है कि कैंसर का परिदृश्य बदल रहा है. हालांकि शुरुआती उम्र में कैंसर की घटनाएं बढ़ रही हैं, फिर भी इस आयु वर्ग में कैंसर 50 साल से अधिक उम्र वालों की तुलना में बहुत कम आम है.

अब यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि शुरुआती कैंसर के बारे में अधिक जागरूकता हो. अधिकांश युवा और यहां तक कि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर भी, लक्षण विकसित होने पर जरूरी नहीं कि कैंसर को सूची में सबसे ऊपर रखें. लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि अगर उन्हें कोई नया लक्षण दिखाई दे तो वे अपने चिकित्सक से मिलें. क्योंकि शुरुआती चरण में कैंसर का पता चलने से रोग का बेहतर निदान होता है.
     (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ के साभार )
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