ललित मौर्या

देश में प्रदूषण के मामले में धनबाद आज भी अव्वल बना हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 356 दर्ज किया गया है। इसी तरह मुंगेर (314) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है। इनके साथ ही देश के सात अन्य शहरों में भी प्रदूषण से हालात दमघोंटू हैं। इन शहरों में बर्नीहाट (224), ग्रेटर नोएडा (258), मंडी गोविंदगढ़ (218), मुजफ्फरनगर (202), नोएडा (216), रोहतक (202), और श्री गंगानगर (208) शामिल थे। कल से देखें तो देश में ‘खराब’ वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ दर्ज की गई, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 दर्ज किया गया है। यदि धनबाद से तुलना करें तो रामनाथपुरम में हवा 25 गुणा साफ है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 47 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में कुड्डालोर, दावनगेरे, एलूर, हावेरी, कडप्पा, कलबुर्गी, कोलार, लातूर, मदिकेरी, महाद, मैहर, मालेगांव, मैसूर, नागांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, पिंपरी-चिंचवाड़, रामनगर, रामनाथपुरम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, वाराणसी आदि शामिल थे। कल से देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या घटकर 100 पर पहुंच गई है। देश में अलवर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धारवाड़, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालोर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मानेसर, मीरा-भयंदर, मुंबई, नागौर, नारनौल आदि शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वायु गुणवत्ता सूचकांक में 27 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता बढ़कर 196 पर पहुंच गई है। इसी तरह फरीदाबाद के प्रदूषण में भी चार अंकों की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इन दोनों ही शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इसी तरह देश के 66 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इन शहरों में बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपाड़ा, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चूरू, दौसा, देहरादून, दिल्ली, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनू, जींद, कैथल, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नंदेसरी, पंचकुला, आदि शामिल थे। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 224 में से 47 शहरों में हवा ‘बेहतर’ (0-50 के बीच) रही। वहीं 100 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 जून 2024 यह आंकड़ा 115 दर्ज किया गया था।

68 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ (101-200 के बीच) रही। वहीं सात शहरों बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, मंडी गोविंदगढ़, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रोहतक, श्री गंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में धनबाद (356) और मुंगेर (314) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 27 अंक बढ़कर 196 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 193, गाजियाबाद में 186, गुरुग्राम में 178, नोएडा में 216, ग्रेटर नोएडा में 258 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 113, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 111, हैदराबाद में 57, जयपुर में 113 और पटना में 151 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

बरेली (24) सहित देश के जिन 47 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी ‘बेहतर’ रहा, उनमें आगरा 47, आइजोल 33, अकोला 45, अमरावती 34, अमरावती 38, अरियालुर 33, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 42, बागलकोट 46, बेलगाम 44, बेंगलुरु 44, चामराजनगर 40, चंद्रपुर 37, चिक्काबल्लापुर 32, चिक्कमगलुरु 45, कुड्डालोर 48, दावनगेरे 26, एलूर 37, हावेरी 38, कडप्पा 42, कलबुर्गी 35, कोलार 26, लातूर 49, मदिकेरी 36, महाद 47, मैहर 37, मालेगांव 43, मैसूर 31, नागांव 31, नागपुर 48, नांदेड़ 39, नासिक 48, पिंपरी-चिंचवाड़ 37, रामनगर 29, रामनाथपुरम 14, सांगली 40, सतना 46, शिवमोगा 50, सिलचर 43, सिलीगुड़ी 45, शिवसागर 50, तिरुवनंतपुरम 42, तिरुपति 40, तिरुपुर 36, वाराणसी 48, विजयपुरा 42 और यादगीर 38 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धारवाड़, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालोर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मानेसर, मीरा-भयंदर, मुंबई, नागौर, नारनौल, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पलवल, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, सागर, सहरसा, सलेम, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 100 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

       (‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )

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