संजय श्रीवास्तव
बचपन ने पापा ने उस बच्ची को खिलौने में एक चिंपैजी लाकर दिया. और फिर ऐसा लगा कि उसकी किस्मत वहीं से तय हो गई. डॉ. जेन गुडेल का 91 वर्ष की उम्र में कैलिफोर्निया में एक लेक्चर के लिए जाते समय मृत्यु हो गई. उन्हें चिंपैंजी रिसर्च के मामले में दुनिया में एक क्रांतिकारी के रूप में जाना जाता है. जब उनके निधन की खबर आई तो पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई. ये गुडेल ही थीं, जिन्होंने चिंपैजी के व्यवहार पर ऐसे ऐसे अध्ययन किये कि विज्ञान की दुनिया को चिंपैजी के बार में अपनी राय बदलनी पड़ी.

उन्होंने साबित किया कि चिंपैंजी उपकरण बनाते और उपयोग करते हैं. वह युवा पीढ़ी के लिए किसी रोल मॉडल से कम नहीं थीं. जेन गुडॉल को ज़्यादातर लोग एक सफ़ेद बालों वाली पर्यावरणवादी के रूप में जानते हैं. अपनी युवावस्था में वह हफ्तों जंगली चिंपांजियों का पीछा करती थीं. उनसे दोस्ती करती थीं. फिर उनके साथ रहकर उनसे संबंधित अध्ययन करती थीं. हम कह सकते हैं कि वो दो वजहों से पूरी दुूनिया में सबसे बड़ी चिंपैजी एक्सपर्ट बन सकीं. एक भूमिका पिता की थी. और दूसरी एक फोन कॉल की.

एक फोन कॉल से शुरू हुआ एक शानदार करियर 

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