विवेक मिश्रा
भारत में अगस्त, 2023 में 123 साल में अब तक की सबसे कम मानसूनी वर्षा दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से महानिदेशक एम महापात्रा ने 31 अगस्त, 2023 को अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अगस्त महीने में ऑल इंडिया रेनफॉल 161.7 मिलीमीटर (एमएम) दर्ज किया गया जो कि सामान्य से 35 फीसदी कम है और 1901 के बाद से सबसे कम है। सर्वाधिक कम वर्षा वाले क्षेत्र केंद्रीय और दक्षिणी प्रायद्विपीय क्षेत्र हैं।
केंद्रीय (164.5 एमएम) और दक्षिणी प्रायद्वीपीय (73.5 एमएम) भारत में भी 1901 के बाद से कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। महापात्रा ने कहा इसका प्रमुख कारण अल नीनो और अन्य मौसम कारक हैं। उन्होंने कहा कि अल नीनो मजबूत हो रहा है और 2026 तक इसकी परिस्थितियां बनी रह सकती हैं। हालांकि, वर्षा को बढ़ाने वाला इंडियन ओसियन डायसपोल (आईओडी) पूरे साल पॉजिटिव बना रहा सकता है जो अल नीनो के असर को कम कर सकता है।
इससे पहले अगस्त महीने में बेहद कम वर्षा (सामान्य से 25 फीसदी कम) का रिकॉर्ड 2005 में दर्ज हुआ था। आईएमडी ने सितंबर महीने में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद जताई है। हालांकि पूरे मानसून सीजन (जून-सितंबर) में कुल औसत वर्षा सामान्य से कम रह सकती है।
आईएमडी ने मानसून सीजन शुरु होने से पहले यह फोरकॉस्ट किया था कि पूरे सीजन में 96 फीसदी यानी सामान्य से 4 फीसदी ज्यादा और सामान्य से 4 फीसदी कम वर्षा हो सकती है। महापात्रा ने कहा कि मानसून सीजन की वर्षा के सामान्य से कम रहने की आशंका है, हालांकि वह सीजन के सामान्य वर्षा के पुराने फोरकास्ट को चेंज नहीं करेंगे।
आईएमडी ने लॉन्ग पीरियड एवरेज (एलपीए – 1971-2020) के आधार पर सितंबर महीने में सामान्य वर्षा होने का फोरकॉस्ट किया है। आईएमडी के मुताबिक सितंबर महीने में 167.9 एमएम वर्षा (91 से 109 फीसदी) के बीच संभव है।हालांकि, यदि सामान्य वर्षा सितंबर में दर्ज भी होती है तो भी पूरे मानसून सीजन की वर्षा सामान्य से कम हो सकती है।
आईएमडी के मुताबिक मानसून के शुरुआती तीन महीनों में जुलाई को छोड़कर जून और अगस्त महीने में सामान्य से बहुत कम वर्षा रिकॉर्ड की गई। जुलाई में सामान्य से 13 फीसदी अधिक 315.9 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई। वहीं, सामान्य से कम वर्षा वाले महीनों में जून महीने की बात की जाए तो सामान्य 165.3 एमएम की तुलना में 151.2 एमएम वर्षा यानी सामान्य से -9 फीसदी कम रही। अगस्त महीने में सामान्य से -36 फीसदी वर्षा (162.7 एमएम) कम रही।
(‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )