दयानिधि
एक नए शोध में कहा गया है कि शहरी वनस्पति में 30 फीसदी की बढ़ोतरी करने से गर्मी से संबंधित सभी मौतों में से एक तिहाई से अधिक को बचाया जा सकता था। जिससे 11,000 से अधिक शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने के प्रभाव के दो दशकों के मॉडलिंग शोध के मुताबिक, 2000 से 2019 तक 19 वर्षों में दुनिया भर में 11.6 लाख लोगों की जान बच सकती थी।
मोनाश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए इस शोध से पता चलता है कि वनस्पति के स्तर को 10, 20 और 30 फीसदी तक बढ़ाने से दुनिया भर में गर्म मौसम के औसत तापमान में 0.08 डिग्री, 0.14 डिग्री और 0.19 डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी। यह 86, 1.02 और 11.6 लाख मौतों को रोक सकता है, जो 2000 से 2019 तक सभी गर्मी से संबंधित मौतों का 27.16, 32.22 और 36.66 फीसदी है।
शहरी वनस्पति में वृद्धि का स्वास्थ्य पर प्रभाव विभिन्न प्रकार की जलवायु, हरियाली के स्तर, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और जनसांख्यिकीय विशेषताओं से प्रभावित होता है। दक्षिण एशिया, पूर्वी यूरोप और पूर्वी एशिया के शहरी क्षेत्रों में गर्मी से संबंधित मौतों में सबसे अधिक कमी देखी गई है।
शोध का उद्देश्य 11,534 शहरी क्षेत्रों में 2000 से 2019 तक गर्म मौसम में हरियाली बढ़ाकर दुनिया भर में गर्मी से संबंधित मौतों में कमी का पता लगाना था। 53 देशों में 830 जगहों के आंकड़ों का उपयोग करके गर्मी की वजह से होने वाली मृत्यु दर के संबंधों का आकलन किया गया और हर एक शहरी केंद्र में इसका अनुमान लगाया गया।
द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि हरियाली बढ़ाने को गर्मी से संबंधित मृत्यु को कम करने की रणनीति के रूप में प्रस्तावित किया गया है। लेकिन यह हरियाली के ठंडा और बदलाव दोनों करने के प्रभावों का अनुमान लगाने वाला पहला शोध है। शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि हरियाली को संरक्षित करना और उसको बढ़ाना तापमान को कम करने और गर्मी के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को कम करने की संभावित रणनीति हो सकती है।
गर्मी के संपर्क में आने से स्वास्थ्य को बड़ा खतरा होता है और जलवायु परिवर्तन के कारण यह खतरा बढ़ता जा रहा है। 2000 से 2019 के बीच, गर्मी के संपर्क में आने से हर साल पांच लाख मौतें हुई, जो दुनिया भर में मृत्यु दर का 0.91 फीसदी है। दुनिया भर में सबसे चरम तापमान परिदृश्यों के तहत 2090-99 के दौरान गर्मी से संबंधित मौतों का अनुमान उत्तरी यूरोप में 2.5 फीसदी से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया में 16.7 फीसदी तक है।
पेड़ अपनी छाया के माध्यम से तापमान पर लगाम लगाते हैं, सूर्य से विकिरण को विक्षेपित करने और वाष्पोत्सर्जन के माध्यम से जो वायु संवहन यानी गर्म भाग से ठंडे की ओर बढ़ावा देता है। यह बदले में परिवेश के तापमान को ठंडा करता है, जिससे लोग गर्मी के संपर्क में कम आते हैं और गर्मी से संबंधित मृत्यु दर में कमी आती है।
शोध में कहा गया है कि सबूतों से यह भी पता चला है कि हरियाली गर्मी से संबंधित मृत्यु दर के खतरे को कम कर सकती है, जो संभावित रूप से मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक जुड़ाव, शारीरिक गतिविधि और वायु प्रदूषण जैसे कारणों से संबंधित है। शोधकर्ताओं ने मल्टी-कंट्री- मल्टी-सिटी (एमसीसी) अनुसंधान नेटवर्क के आंकड़ों का उपयोग किया, जिसे 2014 में देशों और क्षेत्रों में पर्यावरणीय तनाव, जलवायु और स्वास्थ्य के बीच जनसंख्या-व्यापी संबंधों को देखने के लिए विकसित किया गया था। इस शोध में, 53 देशों में 830 जगहों के रजमर्रा की मृत्यु दर और बदलते मौसम का पता लगाया गया।
शोध के मुताबिक, यदि वनस्पति का स्तर 30 फीसदी बढ़ा दिया जाए तो 2000 से 2019 तक क्षेत्र के अनुसार बचाई गई जानों की औसत संख्या – यूरोप में 396,955, उत्तरी अमेरिका में 69,306, लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन में 123,085, अफ्रीका में 35,853, एशिया में 527,989, ओशिनिया में 2,733 ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2,759 जानें बचाई जा सकती थी।
शोध में कहा गया है कि हरियाली संवर्धित वनस्पति सूचकांक (ईवीआई) के माध्यम से मापा गया, जो उपग्रह-आधारित वनस्पति सूचकांक है जो राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन के टेरा उपग्रह द्वारा एकत्र की गई छवियों से हासिल की गई है।शहरी क्षेत्र को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया था जिसमें स्थायी भूमि के प्रति वर्ग किमी में कम से कम 1,500 निवासियों का घनत्व और 50,000 से अधिक की कुल आबादी के बराबर हो।
(‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )