दयानिधि
देश के कुछ हिस्सों में घने कोहरे की चादर देखी जा रही है, वहीं मौसम विभाग ने कहा है कि 16 और 17 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के अलग-अलग इलाकों में देर रात से सुबह तक लोगों को घने कोहरे का कहर झेलना पड़ेगा। इसी दौरान उत्तर प्रदेश में, जबकि आज, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है।
वहीं, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ तथा उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में देर रात से सुबह के समय तक घने कोहरे की चादर छाई हुई है।
कोहरे की वजह से आज सुबह असम के गुवाहाटी हवाई अड्डा में दृश्यता 150 मीटर, जोरहाट हवाई अड्डा में दृश्यता 200 मीटर, धुबरी में दृश्यता 500 मीटर, उत्तर प्रदेश के बरेली में दृश्यता 200 मीटर, वाराणसी में दृश्यता 500 मीटर, बिहार के भागलपुर और पूर्णिया प्रत्येक जगह दृश्यता 500 मीटर तथा त्रिपुरा के कैलाशहर में दृश्यता 500 मीटर रिकॉर्ड की गई।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों, मध्य भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान चार से आठ डिग्री सेल्सियस और पूर्वी तथा पश्चिमी भारत के कई इलाकों में आठ से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है।
देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, सिवाय पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वोत्तर बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सौराष्ट्र और कच्छ, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और पश्चिमी असम के कुछ हिस्सों को छोड़कर, जहां तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, केरल के कन्नूर में अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पंजाब के आदमपुर में न्यूनतम तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
शीत लहर का कहर
लुढ़कते पारे के कारण देश के अधिकतर हिस्सों में शीत लहर चल रही है। मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि अगले कुछ दिनों तक मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में लोगों को भयंकर शीत लहर से दो चार होना पड़ सकता है।
वहीं, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, विदर्भ, ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, सौराष्ट्र और कच्छ और तेलंगाना के अलग-अलग इलाकों में भी लोगों को शीत लहर का सामना करना पड़ेगा। देश के अधिकतर हिस्सों में सुबह के समय पाला पड़ने के आसार हैं इसके कारण ठिठुरन के और बढ़ने की आशंका जताई गई है। वहीं, मध्य भारत के मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम के बहुत ठंडा रहने की चेतावनी जारी की गई है।
कैसा रहेगा तापमान?
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। जबकि, अगले 48 घंटों के दौरान मध्य भारत में भी न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने के आसार नहीं दिख रही है, वहीं अगले तीन दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं।
अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है, जबकि अगले चार दिनों के दौरान दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। विभाग ने कहा है कि अगले पांच दिनों के दौरान पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।
पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी स्तरों पर पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में जारी है और एक चक्रवाती प्रसार निचले स्तरों में मध्य पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू के इलाकों पर सक्रिय है। हालांकि मौसमी बदलाव पर इसका बहुत बड़ा असर अभी तक दिखा नहीं है। वहीं जम्मू और कश्मीर में सर्दी का पकोप लगातार बढ़ रहा है। पारे में भी लगातार गिरावट रिकॉर्ड की जा रही है। मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से 22 दिसंबर को ऊंचाई वाले हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं पूरे कश्मीर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में भी सर्दी का सितम जारी है, हालांकि आने वाले दिनों में बारिश और बर्फबारी होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। बावजूद इसके राज्य के कई जिलों में शीत लहर की चेतावनी जारी की गई है। वहीं प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान माइनस 10 डिग्री से नीचे जा चुका है। जबकि आगामी चार से पांच दिनों में मौसम के शुष्क बने रहने के आसार हैं।
वहीं एक और पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी मौसम शुष्क बना हुआ है। सूखी सर्दी का प्रकोप सेहत पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों में सुबह के समय कोहरे की चादर दिखाई दे रही है। सर्द हवाओं ने ठंडक बढ़ा दी है, जबकि रातें भी बहुत ठिठुरन भरी हो गई हैं। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने आज, यानी 16 दिसंबर को राज्य के सभी जनपदों में मौसम के शुष्क बने रहने का पूर्वानुमान जारी किया है।
कैसा रहेगा दिल्ली और एनसीआर में मौसम का मिजाज?
वहीं, दिल्ली और एनसीआर में सुबह के समय उत्तर दिशा से चलने वाली सतही हवाओं की रफ्तार के चार किमी प्रति घंटे से कम रहने का अनुमान है। सुबह के समय धुंध छाने तथा हल्की से मध्यम हवा चलने की संभावना है, जबकि आज यहां आसमान साफ रहेगा।
वहीं यहां दोपहर के समय उत्तर-पूर्व दिशा से चलने वाली हवाओं की गति के छह किमी तक पहुंचने का अनुमान है। शाम और रात होते-होते हवाओं की गति के घटकर चार किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी, जिसके चलते शाम और रात में एक बार फिर से धुंध छाए रहने की आशंका जताई गई है।
कैसा रहेगा दक्षिण भारत में मौसम?
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार अब दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर जारी है। इसके प्रभाव में, अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है। अगले दो दिनों के दौरान इसके तमिलनाडु तट की ओर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते 17 और 18 दिसंबर को तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं, 17 से 19 दिसंबर के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के कुछ हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने का अनुमान है। 17 से 19 दिसंबर के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के कुछ इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
समुद्र में हलचल
कम दबाव व चक्रवाती प्रसार की वजह से आज, मन्नार की खाड़ी और उससे सटे कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों, बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, सोमालिया तट और उससे सटे पश्चिम-मध्य अरब सागर में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
(‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )