ललित मौर्या
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की नई रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद इलेक्ट्रिक कारों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बढ़कर 40 फीसदी से अधिक हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी द्वारा जारी नई रिपोर्ट ‘ग्लोबल ईवी आउटलुक 2025’ से पता चला है कि वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री बढ़कर दो करोड़ से ज्यादा हो सकती है। मतलब की इस बात की पूरी सम्भावना है कि 2025 में बिकने वाली हर चौथी कार इलेक्ट्रिक होगी। देखा जाए तो जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा बाजारों में इलेक्ट्रिक कारों के दाम घट रहे हैं। वो लोगों की पहुंच में आ रही हैं। इसका सीधा असर इन कारों की बिक्री पर भी पड़ रहा है।
रिपोर्ट का कहना है कि हाल में आर्थिक चुनौतियों से ऑटो सेक्टर पर भी दबाव बढ़ा है। हालांकि इसके बावजूद इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री लगातार रिकॉर्ड तोड़ रही है, क्योंकि ये कारें अब पहले से कहीं ज्यादा किफायती हो गई हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024 में वैश्विक स्तर में 1.7 करोड़ से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें बिकीं, जिससे पहली बार वैश्विक बाजार में इनकी हिस्सेदारी बढ़कर 20 फीसदी के पार पहुंच गई। वहीं 2025 की पहली तिमाही में इन कारों की बिक्री में 35 फीसदी की साल-दर-साल बढ़ोतरी हुई और करीब-करीब सभी प्रमुख बाजारों में पहली तिमाही के नए रिकॉर्ड बने हैं।
चीन का दबदबा कायम, भारत समेत कई उभरते बाजारों में तेज ग्रोथ
रिपोर्ट से पता चला है कि चीन ने एक बार फिर ईवी बाजार पर अपना दबदबा कायम रखा है, जहां 2024 में बिकने वाली करीब आधी कारें इलेक्ट्रिक थीं। अकेले चीन में 2024 में 1.1 करोड़ से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें बिकीं थी, जो 2022 में पूरी दुनिया में बेची गई कुल इलेक्ट्रिक कारों के बराबर है। हालांकि साथ ही भारत सहित एशिया और लैटिन अमेरिका के उभरते देशों में भी इलेक्ट्रिक कारों की मांग तेजी से बढ़ी है। 2024 में इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 60 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका में साल-दर-साल इन गाड़ियों की बिक्री 10 फीसदी बढ़ी है। मतलब की वहां बिकने वाली अब हर दसवीं कार इलेक्ट्रिक है।
वहीं दूसरी तरफ यूरोप में नीतिगत समर्थन और सब्सिडी में कमी के चलते बिक्री स्थिर रही है। वहां बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी 20 फीसदी के आसपास बनी हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बैटरी की कीमतों में आती गिरावट के चलते 2024 में ईवी की औसत कीमतें घटी हैं। चीन में पिछले साल बेची गई दो-तिहाई इलेक्ट्रिक कारें पारंपरिक कारों से सस्ती थी। यह तब है जब वहां इसकी खरीद को प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा। वहीं दूसरी तरफ जर्मनी और अमेरिका जैसे देशों में अब भी इलेक्ट्रिक कारें 20 से 30 फीसदी महंगी हैं।
हालांकि, ईंधन और मेंटेनेंस के लिहाज से इलेक्ट्रिक कारें अब भी पारंपरिक कारों से काफी सस्ती हैं। उदाहरण के लिए, अगर कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल तक भी गिर जाए, तब भी यूरोप में घरेलू चार्जिंग के जरिए इलेक्ट्रिक कारों का सफर पारंपरिक कार से आधे खर्च में मुमकिन है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दुनियाभर में बिकने वाली हर पांच में से एक इलेक्ट्रिक कार आयातित होती है। चीन, जो वैश्विक ईवी उत्पादन का 70 फीसदी से अधिक हिस्सा रखता है। चीन ने 2024 में करीब 12.5 लाख इलेक्ट्रिक कारें दूसरे देशों को निर्यात की थी । इनमें कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं भी शामिल हैं, जहां चीनी कारों के कारण ईवी की कीमतें काफी घट गईं।
भारत में नए कल का आगाज
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2024 में दुनियाभर में इलेक्ट्रिक ट्रकों की बिक्री में 80 फीसदी की वृद्धि हुई और अब ये कुल ट्रक बिक्री का करीब दो फीसदी हिस्सा हैं। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से चीन में बिक्री दोगुनी होने की वजह से हुई। वहां भारी इलेक्ट्रिक ट्रकों की संचालन लागत डीजल ट्रकों की तुलना में काफी कम है, जिससे उनकी महंगी कीमत भी संतुलित हो जाती है। नतीजन इनकी मांग बढ़ रही है।
आईईए के कार्यकारी निदेशक फातिह बिरोल ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “आंकड़े दर्शाते हैं कि तमाम अनिश्चितताओं के बावजूद दुनियाभर में इलेक्ट्रिक कारों की मांग तेजी से बढ़ रही है। बिक्री लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है, जो वैश्विक ऑटो उद्योग के लिए अहम है।“
उनका आगे कहना है, “इस साल हर चार में से एक कार इलेक्ट्रिक होगी और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में यह रफ्तार और बढ़ेगी। दशक के अंत तक हर पांच में से दो कारें इलेक्ट्रिक हो सकती हैं, क्योंकि ये पहले से ज्यादा किफायती होती जा रही हैं।“ रिपोर्ट का यह भी कहना है कि भले ही वैश्विक आर्थिक विकास, व्यापार और औद्योगिक नीतियों में बदलाव को लेकर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ती जा रही है क्योंकि ये अब पहले की तुलना में ज्यादा सस्ती हो गई हैं।
बता दें कि भारत में भी इलेक्ट्रिक कारों के प्रति मोह बढ़ रहा है। भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के जो आंकड़े आईईए ने 2024 साझा किए थे उनसे पता चला है कि जहां 2019 में 680 इलेक्ट्रिक कारें बेची गई। वहीं 2023 में यह आंकड़ा 120 गुणा बढ़कर 82,000 पर पहुंच गया। वहीं 2025 में जारी इस नई रिपोर्ट के मुताबिक यह आंकड़ा एक लाख तक पहुंच गया है। वहीं भारत में 2025 की पहली तिमाही में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री साल दर साल 45 फीसदी बढ़ी है और यह पहली बार 35,000 के करीब पहुंच गई है।
(‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )