नीति आयोग ने अपना तीसरा इनोवेशन इंडेक्स जारी कर दिया है । नवाचार क्षमताओं और कारोबारी माहौल मुहैया कराने के मामले में 17 प्रमुख राज्यों की श्रेणी में कर्नाटक तीसरे साल भी पहले स्थान पर है। तेलंगाना दूसरे व हरियाणा तीसरे स्थान पर हैं। शीर्ष-10 राज्यों में पंजाब व उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। नीति आयोग की ओर से बृहस्पतिवार को जारी ‘भारत नवाचार सूचकांक-2021’ के मुताबिक, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने में शानदार प्रदर्शन और बड़ी संख्या में उद्यम पूंजी सौदों के बूते कर्नाटक को सबसे अधिक 18.01 अंक मिले। इंडिया इनोवेशन इंडेक्स में प्रमुख राज्यों में कर्नाटक को पहला स्थान मिला है। लिस्ट में दूसरा स्थान तेलंगाना और तीसरा स्थान हरियाणा को प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के इनोवेशन इंडेक्स में उप-राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार क्षमताओं और पारिस्थितिक तंत्र की पड़ताल की जाती है।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने बड़ी संख्या में इंटरनेट उपभोक्ताओं के साथ ही निवेश के लिए सुरक्षित परिवेश व नवोन्मेषी कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की। दोनों को क्रमश: 16.35 और 14.22 अंक मिले हैं। कुल मिलाकर सूचकांक अंक 14.56 थे। आयोग ने कहा, तीसरा संस्करण देश में नवाचार विश्लेषण के दायरे को मजबूत करता है।
इसे वैश्विक नवाचार सूचकांक की तर्ज पर बनाया गया है। इसमें राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को उनके प्रदर्शन की प्रभावी तुलना के लिए 17 प्रमुख राज्यों, 10 पूर्वोत्तर-पहाड़ी राज्यों, 9 केंद्रशासित प्रदेशों एवं शहर-राज्यों की श्रेणी में बांटा गया था। तीसरा संस्करण 66 संकेतकों के विश्षेलण के आधार पर तैयार किया गया है। पिछले दो संस्करणों में 36 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया था।
बेहतर बनेगा नवाचार परिवेश –
आयोग देश में राज्यों के नवाचार पर निगरानी रखने को प्रतिबद्ध है। यह काम भारत नवाचार सूचकांक के जरिये जारी रहेगा। हम राज्यों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ साझेदारी में देशभर में नवाचार परिवेश को बेहतर बनाना चाहते हैं। -परमेश्वरन अय्यर, सीईओ, नीति आयोग
चुनौतियों से निपटने में मिलेगी मदद –
नवाचार समावेशी विकास की कुंजी है। यह हमारे दौर की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद देता है। लाखों लोगों को गरीबी से निकालता है। आजीविका पैदा करता है और आत्मनिर्भर भारत के रास्ते पर आगे बढ़ाता है। -वीके सारस्वत, सदस्य, नीति आयोग
10 राज्य नवाचार में सबसे आगे
राज्य | अंक | रैंक |
कर्नाटक | 18.01 | 1 |
तेलंगाना | 17.66 | 2 |
हरियाणा | 16.35 | 3 |
महाराष्ट्र | 16.06 | 4 |
तमिलनाडु | 15.69 | 5 |
पंजाब | 15.35 | 6 |
उत्तर प्रदेश | 14.22 | 7 |
केरल | 13.67 | 8 |
आंध्र प्रदेश | 13.32 | 9 |
झारखंड | 13.10 | 10 |
उत्तराखंड : पूर्वोत्तर-पहाड़ी राज्यों में दूसरे स्थान पर
नवाचार के मामले में पूर्वोत्तर-पहाड़ी राज्यों को औसत अंक 14.41 अंक मिले। इसमें मणिपुर 19.37 अंक के साथ पहले स्थान पर है। उत्तराखंड 17.67 अंक के साथ दूसरे और हिमाचल प्रदेश 14.62 अंक के साथ 5वें स्थान पर है।
- नगालैंड 11 अंक के साथ सबसे नीचे है।
- मध्य प्रदेश प्रमुख राज्यों में 12.74 अंक के साथ 13वें स्थान पर।
- छत्तीसगढ़, ओडिशा और बिहार सबसे निचले पायदान पर हैं।
चंडीगढ़ : केंद्रशासित प्रदेशों एवं शहर-राज्य में श्रेष्ठ
केंद्रशासित प्रदेशों एवं शहर-राज्यों की श्रेणी में चंडीगढ़ 27.88 अंक के साथ शीर्ष पर है। दिल्ली 27 अंक के साथ दूसरे और जम्मू-कश्मीर 12.83 अंक के साथ छठे स्थान पर है। केंद्रशासित प्रदेशों एवं शहर-राज्यों की श्रेणी में औसत अंक 15.74 रहे, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
डिजिटल बैंकों के लिए नियामकीय ढांचा बनाना जरूरी
नीति आयोग ने कहा कि भारत के पास डिजिटल बैंकों की सुविधा देने के लिहाज से आवश्यक प्रौद्योगिकी है। इसे बढ़ावा देने के लिए नियामकीय ढांचा बनाने की जरूरत है। आयोग ने कहा, भारत की सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना यूपीआई के जरिये लेनदेन मूल्य के आधार पर 4,000 अरब डॉलर को पार कर चुका है। डिजिटल बैंकिंग नीति के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने के साथ भारत के पास फिनटेक क्षेत्र में अगुवा बनने का मौका होगा।