दुनियाभर में कोरोना महामारी के खौफ के चलते ऑनलाइन पढ़ाई होने के कारण करीब 7.7 करोड़ बच्चे 18 महीने स्कूल से दूर रहे। यूनिसेफ के मुताबिक 18 देशों के 11.7 करोड़ बच्चे अभी भी स्कूल बंद होने से प्रभावित हैं। कई देशों में स्कूल आंशिक रूप से खुलने भी लगे हैं। 

संयुक्त राष्ट्र की बच्चों पर आधारित संस्था यूनिसेफ ने दावा किया है कि दुनियाभर में कोरोना महामारी के खौफ के चलते ऑनलाइन पढ़ाई होने के कारण करीब 7.7 करोड़ बच्चे 18 महीने स्कूल से दूर रहे। इस दौरान पढ़ाई के लिए यूनिसेफ ने भी एक सोशल मीडिया चैनल शुरू किया था।

लेकिन लंबे समय से स्कूल बंद होने से चिंतित यूनिसेफ ने स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए #ReopenSchools  कैंपेन के तहत इस चैनल को 18 घंटे के लिए बंद रखा ताकि दुनिया के तमाम देश क्लासरूम की पढ़ाई का महत्व समझते हुए स्कूल खोलने की दिशा में प्रयास करें।

स्कूल जाना बच्चों का अधिकार 
यूनिसेफ के मुताबिक स्कूल जाकर पढ़ाई करना बच्चों का वह अधिकार है जो उसके विकास, सुरक्षा और खुशहाली के लिए बहुत जरूरी है। जिससे उसका विकास होता है। यूनिसेफ ने कहा, यह अचंभे की बात है कि रेस्टोरेंट, जिम, सलून और बाजार खोले जा रहे हैं लेकिन बच्चों के लिए जरूरी स्कूलों को नहीं खोला जा रहा है। 41 देश ऐस हैं जहां अभी तक स्कूल खोलने की कवायद शुरू नहीं हुई है।

117 देशों में पूरी तरह खुले स्कूल
यूनिसेफ ने ताजा आंकड़े जारी कर बताया कि दुनिया में 117 देशां में स्कूल पूरी तरह खुल गए हैं और 53.9 करोड़ विद्यार्थी स्कूल जाने लगे हैं। यह संख्या पूरे विश्व के विद्यार्थियों की 35 फीसदी है।

 

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