भारत में ओमिक्रोन वैरिएंट के चलते कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है और फरवरी में इस लहर का पीक देखने को मिल सकता है. मौजूदा ट्रेंड्स और डेटा के आधार पर आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर और गणितज्ञ मनींद्र अग्रवाल ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि जनवरी के आखिरी तक देश में रोजाना कोरोना संक्रमण के आठ लाख मामले देखने को मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगले तीन से चार दिन में तसवीर -साफ हो जायेगी.

सरकार के सूत्र मॉडल (जिसमें वायरस के बढ़ते केसों का गणितीय आकलन किया जाता है) का नेतृत्व करने वाले अग्रवाल ने कहा कि, दिल्ली और मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है और जनवरी के मध्य में इसका पीक देखने को मिल सकता है. दिल्ली में रोजाना 50-60 हजार केस देखने को मिलेंगे, जबकि मुंबई में 30 हजार तक. प्रोफेसर ने कहा कि मामले (राष्ट्रीय स्तर पर) इस महीने के अंत तक चरम पर होंगे और दूसरी लहर की संख्या को पार करने की संभावना है. मामलों की गिरावट भी उतनी ही तेज होगी और मार्च तक लहर थम जायेगी. तीसरी लहर को लेकर यह अनुमान सही साबित होता है, तो होली का त्यौहार (18 मार्च) आते-आते वायरस खत्म होने की उम्मीद है। हालांकि, उन्होंने चेताया भी है कि कुछ बंदिशें और सख्ती जरूरी है। चेन नहीं टूटने पर पीक का असर मार्च तक झेलना पड़ सकता है। प्रो. अग्रवाल ने इस संबंध में राज्य सरकार को स्टडी रिपोर्ट दी है। सरकार कोरोना की जंग लड़ने के लिए इस रिपोर्ट के आधार पर ही तैयारी कर रही है। 

5-10% रोगियों को ही भर्ती कराने की जरूरत

केंद्र ने सोमवार को कहा कि इस बार अब तक पांच से दस प्रतिशत उपचाराधीन रोगियों को ही अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत हो रही है लेकिन स्थिति गतिशील है व बदल भी सकती है, ऐसे में राज्य घरों में कोरेंटिन रह रहे या अस्पताल में भर्ती मरीजों पर नजर रखें. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे पत्र में कहा कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अस्तपालों में भर्ती की जरूरत वाले रोगी 20-23 प्रतिशत थे.

रात के 10 बजे तक लगेंगे कोविड रोधी टीक : केंद्र

भारत में कोविड टीकाकरण केंद्रों की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है और रात के 10 बजे तक लोगों को वैक्सीन लगाने का काम किया जा सकता है. भारत सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ मनोहर अगनानी द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे खत में कहा गया है कि सेशन टाइमिंग किसी विशेष सीवीसी में मांग और आवश्यकता के आधार पर तय किया जा सकता है. टाइमिंग फ्लेक्सिबल है और रात के 10 बजे तक हो सकती है.

प्रोफेसर ने कहा पाबंदियां और बढानी पड़ेंगी
उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि तीसरी लहर की रफ्तार को कमजोर करने के लिए पाबंदियां लगाईं और लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करेंगे तो फरवरी के पहले सप्ताह में इसका ग्राफ नीचे आ जाएगा। अगर पाबंदियां नहीं बढ़ाई गईं, तो मार्च तक तीसरी लहर के पीक के नीचे आने की उम्मीद है।

प्रोफेसर ने  31 दिसंबर को भी की थी भविष्यवाणी
प्रोफेसर अग्रवाल ने 31 दिसंबर 2021 को भी भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा था कि ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने उस वक्त भी दावा किया था कि फरवरी में ओमिक्रॉन पीक पर होगा, लेकिन मरीजों की न तो अधिक होगी और न ही मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि फरवरी के बाद ओमिक्रॉन की लहर धीरे-धीरे कम होने होने लगेगी।

 

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