दयानिधि
अनियमित धड़कन संबंधी समस्या तब होती है जब हृदय के धड़कने वाली विद्युत प्रणाली में कोई खराबी आती है और ये उच्च रक्तचाप, दिल के दौरे या कुछ दवाओं या वायरस जैसी स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं। ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की अगुवाई में किए गए एक शोध से पता चला है कि तेज गति से चलने से हृदय की लय संबंधी समस्याओं का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
शोध में कहा गया है कि तेज चलना हृदय की अनियमित या असामान्य गति को ठीक करने के लिए एक प्रभावी और सुरक्षित व्यायाम हो सकता है। एक ऐसी स्थिति है जब हृदय बहुत तेज या बहुत धीमी गति से धड़कता है। जर्नल हार्ट में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक के 4,20,000 से अधिक प्रतिभागियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। जिसमें प्रतिभागियों ने खुद बताया कि उनकी चलने की गति धीमी या तेज थी।
शोध के मुताबिक, लगभग 2,21,664 लोगों ने औसत गति से चलने की बात कही, जबकि 1,71,384 लोगों ने तेज गति से चलने की बात कही। 13 सालों की अवधि में, लगभग 36,574 लोगों में हृदय गति की समस्याएं पैदा हुई।
उनकी स्थितियों में दिल की अनियमित धड़कन या एट्रियल फिब्रिलेशन (एएफ) शामिल था – जब हृदय के ऊपरी कक्ष अनियमित और बहुत तेज धड़कते हैं, साथ ही असामान्य रूप से धीमी गति से धड़कन और वेंट्रिकुलर अतालता, या जब निचले कक्षों में असामान्य हृदय गति शुरू होती है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो हृदय गति से संबंधित समस्याओं से स्ट्रोक और हृदय गति रुकने का खतरा बढ़ सकता है। ये तब होते हैं जब हृदय को धड़कने वाली विद्युत प्रणाली में कोई खराबी होती है और ये उच्च रक्तचाप, दिल के दौरे या कुछ दवाओं या वायरस जैसी स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं।
शोध में कहा गया है कि जनसांख्यिकी और जीवनशैली जैसे कारणों को साथ जोड़ने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग औसत गति से चलते हैं, उनमें हृदय लय-ताल संबंधी समस्याओं का खतरा 35 फीसदी कम हो जाती है, जबकि धीमी गति से चलने वालों की तुलना में तेज चलने वालों में 43 फीसदी की कमी देखी गई।
शोध से पता चलता है कि जो लोग सबसे तेज चलते हैं, उनमें दिल की अनियमित धड़कन या एट्रियल फिब्रिलेशन (एएफ) का खतरा लगभग आधा (46 फीसदी) तक कम हो जाता है। शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से निष्कर्ष में कहा गया कि व्यायाम में तेज चलने की गति को बढ़ावा देना हृदय के लिए फायदेमंद है।
शोध में 81,956 लोगों द्वारा पैदल चलने में बिताए गए समय के आंकड़े उपलब्ध होने की बात कही गई। इनमें से लगभग 4,117 लोगों में बाद की अवधि के दौरान असामान्य हृदय गति विकसित हुई। शोधकर्ताओं ने पाया कि औसत या तेज गति से चलने में अधिक समय बिताने से समस्याएं विकसित होने का खतरा 27 फीसदी तक कम हो गया।
शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया कि यह चलने की गति और असामान्य हृदय गति के बीच संबंध को उजागर करने वाले मार्गों का पता लगाने वाला पहला अध्ययन है। यह इस बात के सबूत देता है कि चयापचय और सूजन संबंधी कारणों की भूमिका हो सकती है, तेज चलने से मोटापे और सूजन का खतरा कम हो गया, जिससे असामान्य हृदय गति का खतरा भी कम हुआ।
(‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )