हर साल 19 अप्रैल को World Liver Day मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य बस ल‍िवर की बीमारियों के बारे में लोगों को जागरुक करना है। ये द‍िन लोगों को हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। इस साल व‍िश्‍व लिवर दिवस 2025 की थीम ‘Food is Medicine’ है। लिवर हमारे शरीर का अहम हिस्सा होता है। हेल्दी रहने के लिए इसका ख्याल रखना बेहद जरूरी है। अगर कम उम्र से ही आहार संबंधी आदतों में सुधार कर लिया जाए तो लिवर की बीमारियों के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। शहरी और ग्रामीण इलाकों, हर जगह पर लिवर रोगों के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

लिवर की बीमारियों का खतरा हाल के वर्षों में काफी तेजी से बढ़ा है। ये सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करने वाली बीमारी है। कम उम्र के लोगों में बढ़ती फैटी लिवर की समस्या हो या फिर शराब और अन्य गड़बड़ आदतों के कारण लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर के मामले, इन सभी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ता जा रहा है।

लिवर की बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे बचाव को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और खान-पान की गड़बड़ी ने लिवर की सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यही वजह है कि कम उम्र में ही लोगों को लिवर की बीमारी हो रही है। क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे आप अपने जोखिमों कम को कर सकते हैं?

लिवर की बीमारियों से कैसे बचें?
लिवर की बीमारी, इसके खतरे और बचाव के बारे में अमर उजाला से बातचीत में लखनऊ स्थित एक अस्पताल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ सुरभि अस्थाना बताती हैं, अगर कम उम्र से ही आहार संबंधी आदतों में सुधार कर लिया जाए तो लिवर की बीमारियों के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। शहरी और ग्रामीण इलाकों, हर जगह पर लिवर रोगों के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, इससे बचाव के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार लेना सबसे अच्छा तरीका है। डॉक्टर ने कहा कि लिवर की बीमारी अब सिर्फ शराब के कारण होने वाली समस्या तक सीमित नहीं हैं। नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) जैसे मामले उन लोगों में हो रहे हैं जो शराब नहीं पीते हैं। अस्वास्थ्यकर खान-पान, मोटापे और व्यायाम की कमी इसकी मुख्य वजह है।

अध्ययन में क्या पता चला?
लिवर की बीमारी और इसके खतरे को लेकर किए गए एक हालिया अध्ययन की रिपोर्ट में भी शोधकर्ताओं ने बताया कि लिवर को स्वस्थ रखने में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका है। फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने लिवर को स्वस्थ रखने के तरीकों के बारे में बताया। यूके बायोबैंक में 1.21 लाख से अधिक प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण करते हुए, शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन्होंने एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार का सेवन किया उनमें क्रोनिक लीवर रोग होने का खतरा 16 प्रतिशत कम था। आहार में हरी सब्जियों-फलों और नट्स की मात्रा को बढ़ाकर आप लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं।
जीवनशैली में भी करें सुधार
डॉ सुरभि कहती हैं, केवल आहार में बदलाव और पोषण में सुधार करके लिवर रोगों के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। आहार में हेल्दी चीजों को शामिल करना, शराब और प्रोसेस्ड आहार से दूरी बनाना और दिनचर्या में नियमित रूप से व्यायाम की आदत को शामिल करने से लिवर को होने वाली क्षति को रिवर्स भी किया जा सकता है।
       (‘अमर उजाला’ से साभार )
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