एसोसिएशन फॉर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इन बेसिक साइंस एजुकेशन, महानगर पालिका तथा विज्ञान प्रसार, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अपूर्व विज्ञान मेला में दूसरे दिन से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की भीड़ उमड़ पड़ी. नार्थ अंबाझरी रोड स्थित राष्ट्रभाषा भवन के प्रांगण में आयोजित इस विज्ञान मेला में अभिभावक भी बच्चों के साथ विज्ञान के प्रयोगों की सहज प्रस्तुति का लाभ उठाते रहे।
पुस्तकों की दुनिया
एकलव्य प्रकाशन, भोपाल द्वारा विशेष रूप से विज्ञान मेला के लिए किताबें उपलब्ध कराई गई हैं। यहां ज्यादातर किताबें विज्ञान की गतिविधि आधारित हैं। चार्ट्स हैं, मोड्यूल्स हैं। कक्षा 3री से कक्षा 10वीं तक के विद्यार्थियों में विज्ञान को सरल व लोकप्रिय बनाना ही इनका मुख्य उद्देश्य है। आसानी से समझ में आनेवाले मोड्यूल्स की किताबों में शारीरिक संरचना, त्वचा, कोशिकाओं का वितरण आदि प्रमुख हैं। छोटे बच्चों के लिए पिक्चर स्टोरी की किताबें भी नाममात्र मूल्य में उपलब्ध कराई गई हैं।
हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में किताबें हैं। माथापच्ची सेट के अंतर्गत 9 किताबें हैं जो बच्चों के साथ बड़ों को भी माथापच्ची करने पर मजबूर कर देती हैं। इन्हें स्कूलों में भी खाली समय में बच्चों को खेल-खेल में सीखने की तर्ज पर दिया जा सकता है।
दोस्ती विज्ञान से
अपने घोष वाक्य आओ करें दोस्ती विज्ञान से को साकार करते हुए यहां 100 प्रयोग प्रदर्शित किए गए हैं। सभी प्रयोग सहजता से विज्ञान के कठिन नियमों से आगंतुकों को अवगत कराते हैं। न्यूटन का तीसरा नियम – हर क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है, समझाने के लिए एक छोटी बॉल को दोनों साइड से मुड़ी हुई स्ट्रा का प्रयोग किया गया है। ऊपर से बॉल में फूंकने पर वह गोल-गोल घूमता है। आमतौर पर किताबों में ही शरीर की भीतरी संरचना को समझाया जाता है लेकिन यहां शरीर के भीतरी अंगों को जानवर के अंगों के माध्यम से समझाया गया है।
पेपर के पाँच पिलरों पर ३ इंटों को रखा देखकर लोग दंग रह जाते हैं। इसका कारण यह है की इंटों का भार सभी पिलरों पर बंट जाता है इसलिये वह नहीं गिरता। पेंडुलम नाक के पास से छोड़े जाने पर ऐसा लगता है कि वापस आकर नाक से टकराएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता, क्योंकि हवा से टकराकर पेंडुलम की गति कम हो जाती है।
आयोजन की सफलतार्थ समन्वयक राजेंद्र पुसेकर, ज्योति मेडपिलवार, नीता गडेकर, पुष्पलता गावंडे, नीलिमा अढाऊ, दीप्ति बिष्ट, वंदना चव्हाण, मनीषा मोगलेवार, सुनीता झरबडे प्रयासरत हैं। विज्ञान मेला 19 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 से शाम 4 बजे तक जारी रहेगा।