साइंस के क्षेत्र में हर दिन नए खोज होते हैं. यह नए खोज लोगों को खाफी चौंकाते भी हैं. एक और खोज जिसे आप सुनकर चौंक जाएंगे. यह है दुनिया की पहली ‘कृत्रिम गर्भ सुविधा’. एक्टोलाइफ नामक इस सुविधा से हर साल 30,000 तक बच्चे पैदा करने की बात कही जा रही है. इसे लेकर येमेनी मॉलिक्यूलर बायोटेक्नोलॉजिस्ट हशम अल-घाइली द्वारा एक एनीमेशन वीडियो जारी किया गया है. इस वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है.
दुनिया की पहली ‘कृत्रिम गर्भ सुविधा’ की अवधारणा को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है. एक्टोलाइफ नामक इस सुविधा से हर साल 30,000 तक बच्चे ‘उत्पादन’ करने का दावा किया गया है. इस सुविधा के लिए ‘उत्पादन’ शब्द का उपयोग जानबूझकर किया गया है. इसे लेकर येमेनी मॉलिक्यूलर बायोटेक्नोलॉजिस्ट हशम अल-घाइली द्वारा एक एनीमेशन वीडियो जारी किया गया है. इंटरनेट पर इस वीडियो को देखकर लोग चौंक गए है. वीडियो देखने में साइंस फिक्शन फिल्म जैसी लगती है.
सुपर इन्नोवेटर्स की रिपोर्ट के अनुसार यह सुविधा फिलहाल वास्तव में मौजूद नहीं है. लेकिन वीडियो में यह दावा किया गया है कि इस सुविधा का उद्देश्य जनसंख्या में गिरावट से पीड़ित देशों की मदद करना है. 8:39 मिनट के एनीमेशन वीडियो में दावा किया गया है कि यह फैसिलिटी पूरी तरह से अक्षय ऊर्जा से संचालित होगी. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि एक्टोलाइफ सुविधा के लिए प्रयोगशाला में बड़ी संख्या में पॉड्स या कृत्रिम गर्भ होंगे. इसके अंदर बच्चों को पाला जाएगा.
जारी वीडियो में वॉयसओवर द्वारा कहा गया है कि एक्टोलाइफ बांझ दंपतियों को एक बच्चे को गर्भ धारण करने और अपनी संतान के सच्चे माता-पिता बनने की अनुमति देता है. साथ ही यह उन महिलाओं के लिए समाधान के समान है जिनका गर्भाशय कैंसर या अन्य जटिलताओं के कारण सर्जरी के माध्यम से हटा दिया गया है. वीडियो में यह भी बताया गया है कि इस सुविधा में 75 प्रयोगशालाएं हैं. इस प्रयोगशाला में 400 पॉड्स कृत्रिम गर्भाशय को विकसित करने में सक्षम हैं.
वीडियो में आगे बताया गया है कि पॉड्स को मां के गर्भाशय के अंदर की स्थितियों के समान और इसमें पल रहे बच्चे के अनुकूल डिजाइन किया गया है. इसके साथ ही ग्रोथ पॉड्स में सेंसर भी होगा जो बच्चे के महत्वपूर्ण संकेतों जैसे दिल की धड़कन, रक्तचाप, सांस लेने की दर और ऑक्सीजन संतृप्ति की निगरानी करेगा. वीडियो में दावा किया गया है कि ऐसा गर्भ किसी भी संभावित अनुवांशिक असामान्यताओं की निगरानी भी कर सकता है.
इस ग्रोथ पॉड्स से पहले और फिलहाल इनविट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक का उपयोग शुक्राणु और अंडे के निर्माण के लिए किया जाता है और फिर इससे आनुवंशिक रूप से बेहतर भ्रूण का चयन किया जाता है. वीडियो के अनुसार बच्चे की ‘कोई भी खासियत’ जैसे बालों का रंग, आंखों का रंग, ऊंचाई, बुद्धि और त्वचा की टोन को आनुवंशिक रूप से 300 से अधिक जीनों के माध्यम से एडिट भी किया जा सकता है.