सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 23 राज्यों में 2.96 करोड़ से अधिक स्कूली छात्र के पास डिजिटल उपकरण नहीं है. इन राज्यों में बिहार टॉप पर है जहां ऐसे छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है.

कोरोना संक्रमण महामारी के दौरान जब देश के स्कूल बंद कर दिए गए तो ऑनलाइन मोड से लर्निंग और टीचिंग जारी रखी गई है. लेकिन जिन छात्रों के पास डिजिटल डिवाइस नहीं हैं वे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रह गए हैं. शिक्षा मंत्रालय द्वारा सोमवार को लोकसभा पेश किए गए आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 23 राज्यों में 2.96 करोड़ से अधिक स्कूली छात्र के पास डिजिटल उपकरण नहीं है. इन राज्यों में बिहार टॉप पर है जहां ऐसे छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है जिनके पास डिजिल उपकरण नहीं है.

डिजिटल उपकरणों से वंचित कुल 2.96 करोड़ छात्रों में दिल्ली (4 प्रतिशत) जम्मू-कश्मीर (70 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (70 प्रतिशत), पंजाब (42 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (28.27 प्रतिशत) के ऐसे छात्र शामिल नहीं हैं. वहीं अरुणाचल प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर और उत्तर प्रदेश सहित राज्यों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के लिए सर्वेक्षण अभी भी प्रक्रिया में है.

केंद्रीय मंत्री ने प्रस्तुत किए हैं आंकड़े

बता दें कि ये डिटेल्स केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने निचले सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में प्रस्तुत की थी. निरपेक्ष संख्या के मामले में, बिहार में ऐसे छात्रों की संख्या सबसे अधिक 1.43 करोड़ है, इसके बाद झारखंड (35.52 लाख), कर्नाटक (31.31 लाख) और असम (31.06 लाख) का स्थान है वहीं उत्तराखंड में ऐसे 21 लाख बच्चे हैं.

इन राज्यों में 10 लाख से ज्यादा छात्र डिजिटल डिवाइस से वंचित

डिजिटल उपकरणों से वंचित 10 लाख से अधिक छात्रों वाले अन्य राज्य हरियाणा, ओडिशा और तमिलनाडु हैं, जबकि केरल में इस श्रेणी में 9.5 लाख बच्चे हैं.

इन राज्यों में स्कूल ड्रॉप ऑउट की दर ज्यादा

मंत्रालय ने यह भी बताया कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 में माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर 16.1% और लड़कों के मामले में 17% रही है.वहीं राष्ट्रीय स्कूल छोड़ने की दर से अधिक वाले कुछ राज्य असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड और महाराष्ट्र हैं.

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