किसी व्यक्ति के जीवन में अंग दान के महत्व को समझने के साथ ही अंग दान करने के लिये आम इंसान को प्रोत्साहित करने के लिये सरकारी संगठन और दूसरे व्यवसायों से संबंधित लोगों द्वारा हर वर्ष 13 अगस्त को भारत में अंग दान दिवस मनाया जाता है। अंगदान जीवन का सबसे बड़ा महापुण्य है। इससे दूसरे लोगों का जीवन को बचाया जा सकता है। यह दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों में अंगदान करने के प्रति जागरूकता फैले। डॉक्टर जिस व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर देते हैं उनका अंग दान किया जा सकता है। यह व्यक्ति किसी भी उम्र का हो सकता है। जन्म से लेकर 65 साल तक के व्यक्ति के अंगों को डोनेट किया जा सकता है। कोविड और ऑर्गन डोनेशन
कोरोनावायरस महामारी ने सभी देशों में अंग दान और ट्रांसप्लांटेशन को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। यूके, फ्रांस और यूएस में ट्रांसप्लांट एक्टिविटी में 50% से अधिक की कमी आई है। इसका मुख्या कारण है अंगों, मेडिकल टीम्स और मरीजों के ट्रांसपोर्टेशन में बाधा आने के साथ ही ट्रांसप्लांट सुविधाओं को कोविड हॉस्पिटल में बदलने में समस्या डॉक्टर्स और रोगियों दोनों के लिए एक चिंता का विषय बन गया है। चूंकि, सभी हॉस्पिटल्स में कोरोना के मरीज हैं। ऐसे में ट्रांसप्लांट के तुरंत बाद कोविड-19 इंफेक्शन होने के डर से मरीज ट्रांसप्लांटेशन कराने से हिचक रहे हैं। ऐसे में बेहद जरूरी है कि डायलिसिस यूनिट, आईसीयू, सीसीयू जैसे स्ट्रैटेजिक एरिया में हॉस्पिटल में कोरोना महामारी के दौरान ट्रांसप्लांट डाटा प्रदर्शित करके रोगियों के बीच कोरोना काल में ट्रांसप्लांट प्रक्रियाओं की सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा की जाए।
किन अंगों का दान किया जा सकता है ?
जिन व्यक्ति का ब्रेन डेड हो जाता है। उसकी बचने संभावना नहीं के बराबर होती है। उनके अंगों का दान किया जा सकता है। अंगों में हृदय, ह्दय वॉल्व, फेफड़े, किडनी, लीवर ,अस्थ्यिां, कार्निया, आंख की पुतली, आंत, अस्थि ऊतक, त्वचा ऊतक, नसें, त्वचा, खून की नलियां इत्यादि दान किए जा सकते हैं। दान किए गए लीवर को 6 घंटे में ट्रांस प्लांट कर देना चाहिए। किडनी को 12 घंटे तक, पेंक्रियाज को 24 घंटे के भीतर, दिल को 4 घंटे के भीतर दूसरे व्यक्ति में प्लांट कर देना चाहिए। नेचुरल मौत पर हृदय के वॉल्व, हड्डी, नसें, त्वचा और कॉर्निया दान कर सकते हैं। डायबिटिज, कैंसर, हृदय रोगी, एचआईवी मरीज के भी अंग दान किए जा सकते हैं लेकिन डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। 18 साल के कम उम्र वालों के अंग दान करने के लिए मां-बाप की अनुमति जरूरी है।
अंग दान करने से पहले जरूर जानें ये बातें
- ट्रांसप्लांटेशन प्रॉसेस को आगे बढ़ाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि जीवित डोनर का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा हो।
- दाता की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए, साथ ही पेरेंट्स/अभिभावक की सहमति भी जरूरी है।
- डोनर को ऑर्गन डोनेट करने की इच्छा होनी चाहिए। यह काम मजबूरी समझकर ना करें और ऐसा ना सोचें कि यह एक स्वैच्छिक कार्य है, तो करना ही होगा।
- डोनर को रिस्क, फायदे, संभावित परिणामों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
- एक बेहतर सपोर्ट सिस्टम हो।
लक्ष्य
- अंग दान की जरुरत के बारे में लोगों को जागरुक करना।
- पूरे देश में अंग दान के संदेश को फैलाना।
- अंग दान करने के बारे में लोगों की हिचकिचाहट को हटाना।
- अंग दाता का आभार प्रकट करना।
- अपने जीवन में अंग दान करने के लिये और लोगों को प्रोत्साहित करना।
भारत का अंगदान दिवस कब है ?
भारत का अपना अंगदान दिवस है जो हर साल 27 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन, सरकार भारतीय नागरिकों को स्वेच्छा से अपने अंग दान करने और जीवन बचाने के लिए प्रोत्साहित करती है।