कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और भारत में एक नए वायरस का हमला देखने को मिल रहा है, जिसे जीका वायरस के नाम से जाना जाता है। केरल में कुल 13 लोगों में इस वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है। इन लोगों में जीका के लक्षण दिखने पर उनके सैंपल्स लेकर जांच के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया था, जहां संक्रमण की पुष्टि हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है और ये मच्छर दिन के समय सक्रिय रहते हैं। हालांकि यह वायरस पहली बार भारत में नहीं फैला है, बल्कि साल 2017 में गुजरात के अहमदाबाद में इसके संक्रमण के तीन मामलों का पता चला था, जिसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल थी।
जीका वायरस के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जीका वायरस रोग के लक्षण आमतौर पर 3-14 दिन के बीच दिखते हैं। हालांकि इससे संक्रमित अधिकांश लोगों में लक्षण विकसित भी नहीं होते हैं, लेकिन जिनमें होते हैं, उनमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते, कंजक्टिवाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिर दर्द और बेचैनी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ये लक्षण आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं।
जीका वायरस रोग की जटिलताएं
गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस संक्रमण विकासशील भ्रूण और नवजात शिशु में माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात असामान्यताओं का कारण हो सकता है। गर्भावस्था में इसके संक्रमण के परिणामस्वरूप गर्भावस्था की गंभीर जटिलताएं भी देखने को मिलती हैं, जैसे कि भ्रूण का नुकसान, बच्चे का समय से पहले जन्म या बच्चे का मृत पैदा होना।
जीका वायरस रोग का इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जीका वायरस के संक्रमण या इससे जुड़ी बीमारियों का फिलहाल कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि इसके संक्रमण के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं। इसलिए बुखार,त्वचा पर चकत्ते या जोड़ों में दर्द जैसे लक्षणों वाले लोगों को भरपूर आराम करना चाहिए, तरल पदार्थ लेना चाहिए और सामान्य दवाओं के साथ दर्द और बुखार का इलाज करना चाहिए। अगर लक्षण बिगड़ते हैं, तो उन्हें चिकित्सा देखभाल और सलाह लेनी चाहिए।
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक
जीका वायरस प्रेग्नेंट महिला से उसके भ्रूण में आसानी से पहुंच जाता है, यह सेक्सुअल कॉन्टैक्ट, ब्लड ट्रांसफ्यूश्न और ब्लड प्रोडक्ट्स या अंग प्रत्यारोपण के जरिए से भी फैल सकता है, वैज्ञानिक अभी भी प्रेग्नेंसी के रिजल्ट और बच्चों एवं अडल्ट्स में जीका वायरस के प्रभावों की पूरी सीरीज पर रिसर्च कर रहे हैं, जीका वायरस सेक्सुअल इंटरकोस के जरिए से भी फैल सकता है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है, ”जीका वायरस और प्रेग्नेंसी के परिणामों के बीच संबंध की वजह से यह चिंता का विषय है.”
जीका वायरस से बचने के उपाय
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जीका वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों की रोकथाम।
- मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
- मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घर के आसपास गमले, बाल्टी, कूलर आदि में भरा पानी निकाल दें।
- अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें।
- जीका वायरस का फिलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इसलिए लक्षण दिखने और स्थिति में सुधार न होने पर डॉक्टर को दिखाएं।