लक्ष्मी नारायण
हममें से शायद ही कोई हो जो स्मार्टफोन का यूज नहीं करता हो. लेकिन स्मार्ट फोन का यह इस्तेमाल दिल के लिए घातक साबित हो रहा है. एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि आधे घंटे भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर लिया तो इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है.
अगर कोई आपसे कहे कि आप एक दिन बिना मोबाइल फोन का समय बिता लीजिए तो क्या आप ऐसा कर सकते हैं? कदाचित आप सोच में पड़ जाएंगे. अगर इस चैलेंज को स्वीकार भी करेंगे तो मजबूरी में. यानी मोबाइल फोन के बिना जीवन बहुत कठिन हो गया है. लेकिन यह मोबाइल फोन हमारी चैन तो छीन ही रहा है अब दिल को भी बीमार बनाने लगाने लगा है. एक हालिया रिसर्च की मानें तो आधे घंटा भी यदि आप मोबाइल फोन का यूज करते हैं तो इससे हार्ट डिजीज का खतरा 3 प्रतिशत बढ़ जाता है. वहीं इसके बाद जितना समय ज्याद फोन पर बिताएंगे उतना हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ेगा.
हार्ट डिजीज का खतरा
कनाडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर के मुताबिक दावा किया गया है कि इस अध्ययन में लगभग 5 लाख लोगों को शामिल किया गया है.स्टडी में कहा गय है कि जितनी देर आप मोबाइल फोन पर बात करेंगे, उतना ज्यादा आपको हार्ट डिजीज जैसे कि हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मोबाइल फोन पर बात करने से भावनात्मक परेशानी, नींद में खलल और नसों संबंधित परेशानियां पैदा हो जाएगी.
रिसर्च में बताया कि एक दिन में अगर कोई व्यक्ति 5 मिनट से 29 मिनट तक फोन चलाता है तो इससे दिल की बीमारियों का जोखिम 3 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं अगर कोई व्यक्ति आधे घंटे से 59 मिनट तक फोन पर बात करता है तो इससे हार्ट डिजीज का रिस्क 7 प्रतिशत और 1 से 3 घंटे तक कोई बात करता है तो इससे हार्ट डिजीज का खतरा 13 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. वहीं 4 से 6 घंटे बात करने वालों में 15 प्रतिशत और 6 से ज्यादा घंटे बात करने वालों में 21 प्रतिशत हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है.
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
हेल्थ एक्सपर्ट समीर भाटी ने बताया कि इस तरह के अध्ययन कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कई रिसर्च हुई है. डब्ल्यूएचओ का भी इस पर गाइडलाइंस हैं. कई स्टडीज में दिल की बीमारियों का अंदेशा जताया गया है. उन्होंने कहा कि दरअसल, स्मार्ट फोन हमारी नींद को प्रभावित करता है जिस कारण नींद खराब होती है और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ देता है. जब हम फोन पर बात करते हैं और उस दौरान खाना खाते हैं तो इससे हम ज्यादा खा लेते हैं और इस कारण मोटापा बढ़ जाता है.वहीं मोबाइल फोन के कारण कई तरह के हार्मोन डिस्टर्ब होते हैं.
सर गंगाराम अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. वली खान बताते हैं कि आप अपने मोबाइल पर जितनी बार नोटिफिकेशन देखते हैं, उतनी बार तनाव वाला हार्मोन कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ता है. कॉर्टिसोल जब बढ़ता है तो यह शरीर में हलचल मचा देता है. इसके कारण हार्ट पर बहुत बुरा असर पड़ता है. वहीं मोबाइल फोन को यदि हम अपने शरीर के एकदम संपर्क में रखेंगे तो इसके वाइव्रेशन से भी समस्याएं होंगी. इसलिए यदि हम मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो वह सही काम के लिए होना चाहिए. बिना मतलब गलत कामों के लिए मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए. हालांकि इस तरह की मुकम्मल रिसर्च नहीं है जिसमें यह पक्के तौर पर कहा जा सके कि मोबाइल फोन इस बीमारी को बढ़ाता है.
(‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )