अमित उपाध्याय

अक्सर लोग इंटरनेट पर देखकर दवाएं खरीदकर इस्तेमाल करने लगे हैं, जो बेहद खतरनाक हो सकता है. एक महिला ने वजन घटाने के लिए फैट डिसॉल्विंग इंजेक्शन लगवा लिए, लेकिन इससे उसके पेट में बड़ा छेद हो गया. यह मामला ब्रिटेन का है.

शरीर का फैट कम करने के लिए लोग किसी भी हद तक चले जाते हैं. कोई बिना डॉक्टर की सलाह के फैट लॉस दवा लेना शुरू कर देता है, तो कोई वेट लॉस सर्जरी करवा लेता है. कई लोग तो बाजार में मिलने वाले फैट डिसॉल्विंग इंजेक्शन लगवाने लगे हैं. एक ऐसा ही मामला ब्रिटेन से सामने आया है, जहां 58 साल की एक महिला को वेट लॉस का भूत सवार हो गया. उसने अपना फैट कम करने के लिए एक सैलून में जाकर 16 फैट डिसॉल्विंग इंजेक्शन लगवा लिए. इसके बाद जो हुआ, उसने महिला की जिंदगी को खतरे में डाल दिया.

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 16 फैट डिसॉल्विंग इंजेक्शन लगवाने के बाद महिला के पेट में अजीब सी हरकत होने लगी और देखते ही देखते उसके पेट में 2.75 इंच का छेद हो गया, जिसे देखकर सभी के होश उड़ गए. आनन-फानन में महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सर्जरी की. महिला की जान बचाने में डॉक्टर्स के पसीने छूट गए और जब महिला को होश आया, तब सबकी जान में जान आई. यह अब तक का अनोखा मामला है, जिसमें इन इंजेक्शन की वजह से किसी के पेट में छेद हुआ हो. हालांकि इन इंजेक्शंस को लेकर FDA ने कई बार वॉर्निंग जारी की है.

दरअसल ब्रिटेन की इस महिला का वजन मेनोपॉज के बाद तेजी से बढ़ रहा था और इसी को कंट्रोल करने के लिए महिला ने एक सैलून में जाकर ये फैट कम करने वाले इंजेक्शन लगवाने का फैसला लिया, लेकिन यह उसकी जिंदगी पर भारी पड़ गया. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो फैट डिसॉल्विंग या लिपोलिसिस इंजेक्शंस को बॉडी फैट रिमूव करने का नॉन-सर्जिकल अल्टरनेटिव माना जाता है और इन्हें चिन, लेग्स, अपर आर्म्स और पेट में लगाए जाते हैं. इनका क्रेज यूरोप और अमेरिका में बढ़ रहा है. हालांकि बाजार में तमाम नॉन-अप्रूव्ड इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं.

पिछले साल यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने  फैट डिसॉल्विंग इंजेक्शंस को लेकर एक वॉर्निंग जारी की थी. इसमें बताया गया था कि लोगों को चर्बी कम करने वाले ये इंजेक्शन एक वरदान की तरह लगते हैं, लेकिन अन-अप्रूव्ड इंजेक्शन शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं.

शरीर का फैट कम करने का दावा करने वाले गैर-सर्जिकल इंजेक्शन की वजह से कई साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले हैं, जिसमें इंजेक्शन वाली जगहों पर गांठें, सिस्ट, विकृति, इंफेक्शन और परमानेंट इंजरी शामिल हैं. एफडीए की मानें तो लोगों को ये इंजेक्शन डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेने चाहिए.

       (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )

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