शरीर को स्वस्थ रखने में लिवर यानी यकृत की महत्वपूर्ण भूमिका है। खाने-पीने की लापरवाही बरतने से मनुष्य अपने लिवर को हानि पहुंचा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार अब लिवर की समस्या लेकर पहले से अधिक मरीज आ रहे हैं, जिसका कारण गलत समय भोजन सहित अधिक तला-भूना खाने के साथ अधिक मात्रा में अल्कोहल और दवाइयों का सेवन भी है। चिकित्सक मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पाचन तंत्र (डाइजेशन) का अहम रोल बताते हैं, जिसका संबंध सीधे तौर पर लिवर से है।
शराब, सिगरेट और मोटापा लिवर को खराब कर रहा है। विशेषज्ञ संतुलित खान-पान के साथ नशे से दूर रहने की सलाह दे रहे है। अस्पताल में लिवर की समस्या से ग्रसित 10 में चार मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लिवर शरीर की कई तरह से रक्षा करता है। मोटापे से लिवर को ज्यादा नुकसान है। लिवर की समस्या से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। युवा इसका ज्यादा शिकार हो रहे हैं। लिवर बढ़ने में मोटापा भी बड़ा कारण है। प्रतिदिन 10 में से चार मरीज लिवर की समस्या से ग्रसित मिल रहे हैं। इनमें दो मरीज मोटापे की समस्या भी परेशान हैं।
संक्रमण और रोग से लड़ने, रक्त शर्करा को नियमित करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने, कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करने, रक्त के थक्के के निर्माण में सहायता करने और पित्त को शरीर से बाहर निकालने में लिवर की अहम भूमिका है। लिवर जब तक पूरी तरह से न बढ़े और क्षतिग्रस्त न हो जाए तब तक साफ संकेत या लक्षण नहीं दिखते हैं। भूख और वजन में कमी के अलावा पीलिया भी लिवर बढ़ने वाले लक्षणों में शामिल हैं।
बिना चिकित्सक की सलाह न लें दवा
लोगों को बिना चिकित्सक की सलाह के दवा नहीं खानी चाहिए। वजन नियंत्रित रखने के लिए नियमित योग करें। उन्होंने बताया कि लिवर स्वस्थ रखने के लिए हेपेटाइटिस रोधी टीकाकरण जरूर कराया जाए। वहीं वायरल आदि बीमारी होने पर ब्लड बिना टेस्ट के न चढ़वाया जाए। यह भी लिवर खराब होने का मुख्य कारण है।
यह होता है लिवर सिरोसिस
लिवर सिरोसिस नाम की बीमारी में लीवर धीरे-धीरे खराब होने लगता है। इसके लक्षण देर से नजर आते हैं। लिवर खराब होने के बड़े कारणों में लंबे समय तक शराब की लत और हेपेटाइटिस है। लीवर सिरोसिस को लीवर के फाइब्रोसिस के रूप में जाना जाता है।
खान-पान में करें सुधार
भोजन में अनाज, प्रोटीन, दूध के सामान, फल, सब्जियों और वसा का संतुलित सेवन करें। रेशे से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज युक्त ब्रेड, चावल और अनाज आदि। हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी का टीका अवश्य लगवाएं।