संतोष कुमार पाठक

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सोमवार को कहा कि अगर सभी परीक्षण सफल रहे तो चंद्रमा की सतह पर उतरने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन ‘चंद्रयान-3’ का 12 से 19 जुलाई के बीच प्रक्षेपण किया जाएगा. इस समय को इसलिए चुना गया है क्योंकि यही वह समय है, जिस दौरान ईंधन की खपत को बचाया जा सकता है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 को उतारने की तैयारी कर ली है. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सोमवार को यहां कहा कि अगर सभी परीक्षण सफल रहे तो चंद्रमा की सतह पर उतरने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन ‘चंद्रयान-3’ का 12 से 19 जुलाई के बीच प्रक्षेपण किया जाएगा. इस समय को इसलिए चुना गया है क्योंकि यही वह समय है, जिस दौरान ईंधन की खपत को बचाया जा सकता है.

इसरो द्वारा कोथावारा सेंट जेवियर्स कॉलेज में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला और अंतरिक्ष प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद सोमनाथ ने मीडिया से कहा कि चंद्रयान पहले ही यू आर राव उपग्रह केंद्र से श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में प्रक्षेपण पैड पर पहुंच चुका है. सोमनाथ ने कहा, “अंतिम तैयारी चल रही है. इसे इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, इस प्रक्षेपण के लिए रॉकेट, एलवीएम-3 का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए सभी पुर्जे श्रीहरिकोटा पहुंच गए हैं.”

राकेट के पुर्जों को जोड़ने का काम शुरू
उन्होंने कहा कि रॉकेट के पुर्जों को जोड़ने का काम भी इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा और फिर चंद्रयान-3 को रॉकेट से जोड़ने की प्रक्रिया होगी. उन्होंने कहा कि यह भी जून के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा और इसके बाद कई परीक्षण होंगे.

ईंधन की बचत करने के लिए चुना सही समय
सोमनाथ ने कहा, “12 से 19 जुलाई के बीच प्रक्षेपण के लिए अनुकूल स्थिति है और हम इसे केवल तभी प्रक्षेपित कर सकते हैं. हम इसे बाद में भी कर सकते हैं, लेकिन हमें ईंधन का नुकसान होगा.” हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण संबंधित अवधि के दौरान तभी किया जाएगा जब सभी परीक्षण सफल हो जाएंगे.

(‘न्यूज़ 18 हिंदी’ के साभार )

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