ललित मौर्या

देश के 158 शहरों में उडुपी की हवा सबसे ज्यादा खराब थी जहां प्रदूषण का स्तर 215 दर्ज किया गया, वहीं गंगटोक में हवा सबसे ज्यादा साफ थी ,केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 अगस्त 2022 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 158 शहरों में से 36 में हवा ‘बेहतर’ रही, जबकि 76 शहरों की श्रेणी ‘संतोषजनक’, 43 में ‘मध्यम’ रही। वहीं बद्दी, सहरसा और उडुपी में प्रदूषण का स्तर ‘खराब’ था।    

यदि दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 124 दर्ज किया गया है। पिछले दिनों बारिश होने के कारण यहां की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो गया था। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 119, गाजियाबाद में 133, गुरुग्राम में 146, नोएडा में 124 पर पहुंच गया है। 

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी ‘बेहतर’ रहा, उनमें आगरा 50, आइजोल 31, अमरावती 21, बागलकोट 42, बेतिया 37, चामराजनगर 40, चेन्नई 49, चिक्कामगलुरु 35, दमोह 37, दावनगेरे 36, गडग 47, गंगटोक 17, हसन 35, कलबुर्गिक 31, कोलकाता 44, मदिकेरी 29, मैहर 30, मैंगलोर 50, मंगुराहा 48, नासिक 45, पुदुचेरी 41, राजमहेंद्रवरम 30, रामनगर 45, रामनाथपुरम 30, सागर 49, सतना 36, शिलांग 28, शिवमोगा 45, सिलीगुड़ी 42, श्रीनगर 43, तिरुवनंतपुरम 28, थूथुकुडी 25, त्रिशूर 50, विजयपुरा 40, यादगिर 33, और वेल्लोर 50 आदि शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवानी, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चिकबलपुर, दरभंगा, देहरादून, देवास, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जालंधर, झांसी, जींद, जोधपुर, कन्नूर, कानपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोटा, कोझिकोड, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नारनौल, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, प्रयागराज, रायचुर, रतलाम, सासाराम, सिरसा, तालचेर, तिरुपति, तिरुपूर, वाराणसी और विशाखापत्तनम आदि 76 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

( ‘डाउन टू अर्थ ‘ पत्रिका से साभार )

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