पृथ्वी की तरह स्पेस में जीवन व्यतीत करना मुश्किल है, क्योंकि वहां जीरो ग्रेविटी है. अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खान-पान मुश्किल है इसलिए वह किसी स्पेशल पाउच के जरिए कुछ खाते पीते हैं. बीते 3 मार्च को नासा का एक एक्सपेरिमेंट वीडियो सामने आया है. NASA के ISS यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने यह वीडियो शेयर किया, जिसमें अंतरिक्ष यात्री निकोल मान एक कप का इस्तेमाल तरल पदार्थ के लिए करती दिख रही हैं. वीडियो में निकोल मान ने एक पाउच के जरिए उस कप को भरती हैं और भरे हुए कप को उल्टा घुमा देती हैं. अंदर भरा हुआ तरल पदार्थ नीचे की तरफ नहीं गिरता है बल्कि जीरो ग्रैविटी की वजह से अपने धुरी पर घूमने लगता है. ये दृष्य किसी अजूबा से कम नहीं है. इसके बाद अंतरिक्ष यात्री निकोल मान उस कप को पकड़ती हैं और कॉफी की चुस्की लेती हैं.

NASA के ISS यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की तरफ से बीते 3 मार्च को एक डेमो वीडियो शेयर किया गया. जिसमें अंतरिक्ष यात्री निकोल मान ने दिखाया कि स्पेस में भी पृथ्वी की तरह कॉफी पीना अब आसान हो गया है.

इस अद्भुत कप ने अब स्पेस में तरल पदार्थों के सेवन को आसान बना दिया है. निकोल मान कप को भरने के लिए कॉफी से भरे एक पाउच को बाहर निकालती हैं. वह बहुत खुश होकर कप को भरती हुई नजर आती हैं.

अंतरिक्ष यात्री निकोल मान कप को भरने के बाद उल्टा कर देती हैं, कॉफी कप में ही रहता है, वह गिरता नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की ग्रेविटी जीरों है.

नासा का यह एक्सपेरिमेंट सचमुच हैरान कर देने वाला है क्योंकि कप को उल्टा करने से कॉफी नहीं गिरती, यह सिर्फ चुस्की लेने पर ही कप से बाहर आती है. जीरों ग्रेविटी में खाद्य पदार्थों का सेवन करना बहुत मुश्किल है. जीरो ग्रेविटी के वजह से तरल पदार्थ बूंदों में तैरने लगते हैं, लेकिन नासा ने इस नामुमकिन चीज को अब मुमकिन कर दिया है.

कॉफी की चुस्की लेने के बाद निकोल मान मुस्कुराते हुए थम्ब्स-अप करती हैं. नासा का यह एक्सपेरिमेंट खूब पसंद किया जा रहा है, यह वाकई तारीफ लायक है क्योंकि नासा बीते कई सालों से इस कप को बनाने की कोशिश में लगा था.

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