विविधा सिंह

यह तस्वीर दो लूनर ऑर्बिटर कैमरा से मिलाकर बनाई गई है. एक फोटो लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर कैमरा (LROC) और दूसरी शैडोकैम से खींची गई है. LROC 2009 से ही चंद्रमा की सतह की विस्तृत फोटो खींचता आया है, लेकिन चांद के अंधेरे वाले क्षेत्र की तस्वीर लेने में उसे हमेशा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. इस बीच 2022 में कोरिया एयरोस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा लॉन्च शैडोकैम काफी खास माना गया. क्योंकि यह LROC की तुलना में 200 गुना अधिक प्रकाश-संवेदनशील है. यह बेहद कम रोशनी की स्थिति में सफलतापूर्वक काम कर सकता है.

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद अब अंतरिक्ष यात्री वहां खुद लैंडिंग करने की तैयारी में जुट गए हैं. हाल ही में नासा ने शेकलटन क्रेटर की एक नई तस्वीर जारी की है, जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नई उम्मीद बनकर उभर रही है. यह क्रेटर चंद्रमा के दक्षिणी क्षेत्र का एक अभूतपूर्व दृश्य पेश करता है.

यह तस्वीर दो लूनर ऑर्बिटर कैमरा से मिलाकर बनाई गई है. एक फोटो लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर कैमरा (LROC) और दूसरी शैडोकैम से खींची गई है. LROC, 2009 से ही चंद्रमा की सतह की विस्तृत फोटो खींचता आया है, लेकिन चांद के अंधेरे वाले क्षेत्र की तस्वीर लेने में उसे हमेशा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. इस बीच 2022 में कोरिया एयरोस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा लॉन्च शैडोकैम काफी खास माना गया. क्योंकि यह LROC की तुलना में 200 गुना अधिक प्रकाश-संवेदनशील है. यह बेहद कम रोशनी की स्थिति में सफलतापूर्वक काम कर सकता है.

हालांकि, शैडोकैम उन तस्वीरों को लेने में सक्षम नहीं है, जो चांद का क्षेत्र सीधी तौर पर चमकता है यानी जहां अधिक लाइट है. इसलिए दोनों कैमरों की तस्वीरों को मिलाकर नासा ने शेकलटन क्रेटर की तस्वीर जारी की है, यह तस्वीर चंद्रमा के सबसे चमकीले और सबसे अंधेरे दोनों हिस्सों को मिलाकर ली गई है. यह तस्वीर चांद के दक्षिणी ध्रुव की विशेषताओं का एक व्यापक मैप है, जो यह बताती है कि अंतरिक्ष यात्री यहां आसानी से लैंड कर सकते हैं.

नासा द्वारा जारी इस तस्वीर में शेकलटन क्रेटर के फर्श और दीवारों को बहुत विस्तार से दिखाया गया है. जबकि, क्रेटर के किनारे और धूप वाले क्षेत्र को LROC द्वारा दिखाया गया है. माना जाता है कि इन क्षेत्रों में बर्फ के भंडार या अन्य जमे हुए अस्थिर पदार्थ हैं, जिनका मनुष्यों द्वारा कभी पता नहीं लगाया गया है और यह भविष्य में विज्ञान के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बर्फ, एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में काम कर सकती है, क्योंकि उनमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन शामिल हैं जिनका उपयोग रॉकेट ईंधन के लिए किया जा सकता है.

     (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ के साभार )

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