विकास शर्मा

वैज्ञानिकों ने पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सर्जरी करने का कारनामा किया है. रिमोट कंट्रोल तकनीक से हुई इस खास तरह की सर्जरी को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है जिसे पृथ्वी पर भी दूर दराज के इलाकों में भी किया जा सकता है. लेकिन यह सर्जरी की भी इंसान या जानवर पर नहीं की गई थी.

इस सर्जरी को बहुत ही बड़ी सफलता माना जा रहा है क्योंकि इससे स्पेस सर्जरी तकनीक की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है. इसे मंगल ग्रह जैसे अभियानों के लिए आपात चिकित्सा सेवाओं में बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है  इतना ही नहीं इससे पृथ्वी पर ही दूर दराज के इलाकों में रिमोट कंट्रोल सर्जरी तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी.

शल्य चिकित्सकों ने स्पेसमीरा नाम के रोबोट का उपयोग किया जसे यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का और वर्चुअल इनसिजन ने विकसित किया है. इस रोबोट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में पिछले महीने के अंत में भेजा गया था जो एक माइक्रोवेव ओवर के छोटे से बॉक्स में रखा गया था.

इस सर्जरी की खास बात यही थी कि इसे किसी इंसान या जानवर पर नहीं किया गया था. नासा के एस्ट्रोनॉट लॉरल ओ हारा ने इस रॉबोट को इंस्टॉल किया और वर्चुअल इनसेजन नेब्रास्का स्थित लिंकन हेडक्वार्टर में छह सर्जन ने इसे अंजाम दिया था. पूरा ऑपरेशन रिमोट कंट्रोल तकनीक से करीब दो घंटे चला था.

इस रोबोट में दो भुजाएं और एक कैमरा हैं जो कि मानक सर्जरी के कार्यों को करने के लिए तैयार किया गया है. इस प्रयोग में टीम ने उपकरण पकड़ना, उनका उपयोग करना और ऊतकों को काटने जैसे काम किए. यह सिम्यूलेटेड ऊतक रबर बैंड की बनी हुई थी. इस ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती पृथ्वी और स्पेस स्टेशन के बीच का 0.85 सेकेंड का अंतर था.

इस चुनौती के बावजूद यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा और इसे शोधकर्ता और सर्जन एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. उनका कहना है कि इससे भविष्य में सर्जरी के तरीके बहुत अधिक बदलने वाले हैं. इस प्रोजेक्ट में नासा ने वित्तीय सहायता प्रदान की थी.आने वाले समय में स्पेस आपात सेवाओं की बढ़ती जरूरत को देखते हुए यह प्रयोग एक मील का पत्थर साबित हो सकता है.

नासा का कहना है कि लंबे अंतरिक्ष अभियानों या चंद्रमा जैसी जगहों पर लंबे समय तक इंसानों के रहने की बढ़ती संभावनों के चलते इस तरह की सेवाओं के लिए तैयारी बहुत जरूरी है. स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स के पास सभी जरूरी चिकित्सा सेवाओं लाने पर भी काम करने की जररूत को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

       (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )

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