गठिया एक प्रकार की अधिकतम सूजन और जोड़ों के दर्द के साथ आने वाली बीमारी है। यह रोग विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस, रहूमटॉइड आर्थराइटिस, जुवेनाइल आर्थराइटिस आदि।


हर साल गठिया रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने और बीमारी के बारे में समझाने के उद्देश्य से विश्व गठिया दिवस मनाया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर गठिया दिवस मनाकर इसके लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी दी जाती है, ताकि इससे होने वाली परेशानी को कम किया जा सके।

कब मनाते हैं गठिया दिवस
विश्व गठिया दिवस हर साल 12 अक्तूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1996 में हुई थी। आर्थराइटिस एंड रूमेटिज्म इंटरनेशनल द्वारा 12 अक्तूबर 1996 को गठिया दिवस पहली बार मनाया गया। बाद में दुनियाभर में गठिया से जूझ रहे मरीजों के लिए यह दिवस मनाया जाने लगा।

गठिया दिवस का महत्व
पहली बार अर्थराइटिस यानी गठिया रोग का पता 4500 बीसी में चला। गठिया के मामले तेजी से फैलने लगे तो लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाने लगा। लोग घुटनों में सूजन या फिर दर्द को आम समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। उन्हें पता ही नहीं होता कि वह गठिया रोग से पीड़ित हैं। ऐसे में गठिया के लक्षणों को समझकर समय पर इसका उपचार करने के लिए प्रेरित करना विश्व गठिया दिवस का उद्देश्य है।

गठिया दिवस 2023 की थीम
विश्व गठिया दिवस 2023 की थीम ‘इट्स इन योर हैंड्स (It’s in your hands) है यानी गठिया से बचना आपके अपने हाथों में है। लाइफस्टाइल में सुधार करके और कुछ बातों का ध्यान रखकर गठिया रोग से बचाव किया जा सकता है।

गठिया के लक्षण
अचानक उठने पर एक या अधिक जोड़ों में अचानक गंभीर दर्द होना
अक्सर रात में जोड़ों में दर्द बढ़ जाना
जोड़ों में जलन होना या सूजन आना।
जोड़ों में गर्माहट महसूस होना और जोड़ों के ऊपर की त्वचा देखने में लाल या बैंगनी जैसी दिखना।
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