विकास शर्मा

इंटरनेट इन दिनों ब्रॉडबैंड के जरिए ही प्रदान किया जाता है. इसकी औसत गति किसी देश के तकनीकी विकास का एक संकेतक माना जाता है. एक सर्वे के मुताबिक भारत का 2023 में सबसे तेज इंटरनेट गति वाले देशों में शीर्ष 50 के देशों में भी नाम नहीं हैं. सबसे तेज गति वाले देश में भारत की इंटरनेट गति से पांच गुना से भी अधिक गति है.

आपके कम्प्यूटर पर इंटरनेट की स्पीड कितनी आ रही है, यह कई बातों पर निर्भर करता है.  फिर किसी हर देश की इंटरनेट की अपनी एक औसत स्पीड होती है जो कि वहां उपयोग में लाई जाने वाली तकनीक और बुनियादी ढांचे पर भी निर्भर करता है. लेकिन फिलहाल ब्रॉडबैंड तकनीक ही दुनिया में सबसे बड़ा इंटरनेट प्रदान करने जरिया हो गया है. दुनिया में कई संस्थाएं हैं जो कई देशों में इंटरनेट की स्पीड की गति उपयोग आदि का आंकलन करती हैं. ऐसे ही एक आंकलन में दुनिया के सबसे तेज और सबसे धीमी इंटरनेट स्पीड की गणना की गई है. इसमें भारत का स्थान शीर्ष 100 में तो है, लेकिन शीर्ष 50 में नहीं है.

बड़े आकार वाले देश शीर्ष में नहीं
एनालिस्ट फर्म एमलैब और कम्पैरिजन साइट केबल ने हाल ही में अपना वार्षिक 2023 ग्लोबल ब्रॉडबैंड आइएसपी स्पीड रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें देखा गया है कि दुनिया तेज गति से इंटरनेट सुविधा देने वालों में आकार में बड़े देशों का नाम शीर्ष पर नहीं है. वहीं पहले की तरह इस सूची में यूरोप और अन्य विकसित देशों का दबदबा है.

बढ़ा पिछले साल की तुलना में औसत
इसमें शोधकर्ताओं ने 1.3 अरब स्पीड टेस्ट से मिली जानकारी के आधार पर अध्ययन किया गया है जिसमें 220 देश शामिल थे. ये परीक्षण एक जुलाई 2022 से लेकर 30 जून 2023 के बीच में किए गए थे. इसमें दुनिया की औसत ब्रॉडबैंड डाउनलोड स्पीड 45.60 मेगाबाइट्स प्रति सेकेंड यानी एमबीपीएस की गति पाई गई थी, जबकि पिछले साल यह 34.78 मेगाबाइट्स प्रति सेकेंड की गति पाई गई थी.

टॉप पर कौन सा देश है
इस सूची में सबसे तेजी से इंटरनेट सेवाएं देने वाले देशों में जर्सी का नाम है जो कि फ्रांस और इंग्लैंड के बीच में एक द्वीप देश है यह यूके का हिस्सा तो नहीं है, लेकिन इसकी क्राउन पर निर्भरता अवश्य है. इसका अपना विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय तंत्र है. जर्सी में इंटरनेट की गति 264.52 एमबीपीएस है.

शीर्ष पांच देश
वहीं दूसरे स्थान पर लिकटेंस्टीन 246.76 एमबीपीएस के साथ है. तीसरे स्थान पर मकाओ 231.40 एमबीपीएस, चौथे स्थान पर आइसलैंड 229.35 एमबीपीएस, और जिब्राल्टर 2.6.27 एमबीपीएस के साथ पांचवे स्थान पर है. इनमें केवल मकाओ ही चीन और हॉन्गकॉन्ग को पास का देश है, बाकी सब पश्चिमी यूरोप में हैं.

सबसे धीमे देशों में कौन
दुनिया में सबसे धीमे इंटरनेट वाले देशों में सबसे नीचे अफगानिस्तान केवल 1.71 एमबीपीएस की गति वाला देश है. इसके पहले यमन (1.79एमबीपीएस), सीरिया (2.30 एमबीपीएस), ईस्टतीमोर (2.50 एमबीपीएस) और इक्यूटोरियल गुनिया (2.70एमबीपीएस) आते हैं. हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान 200वें स्थान पर है जिसकी औसत इंटरनेट स्पीड 5.32 है. 100वें स्थान पर बेलिजे की गति 38.86 एमबीपीएस है.

भारत की क्या है स्थिति
इस सूची में भारत का स्थान 74वां और हमारे देश में इंटरनेट की औसत गति 47.09 एमबीपीएस ही है. और शीर्ष देश जर्सी की गति उसकी गति से पांच गुना से भी अधिक है. भारत के आगे रूस (62) ब्राजील (48), इजरायल (46), जापान (18), कनाडा (13), और अमेरिका का 12 स्थान है. अमेरिका में इंटरनेट की गति 136.48 एमबीपीएस है.

वैसे तो मोटे तौर पर इंटरनेट की गति को देश की तकनीकी उन्नति से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन बहुत से कारक हैं जो गति को प्रभावित करते हैं. इसमें घर में वायरिंग कैसे की गई है.  यूजर किस तरह का पैकेज लेता हैं. इसके अलावा स्थानीय नेवटर्क मे कंजेशन कितना है वाईफाई की गति कितनी है. इसके अलावा मोबाइल सेवाएं कैसी है यह भी इंटरनेट की स्पीड को प्रभावित करता है, खास तौर पर ऐसे देश में जहां मोबाइल का उपयोग कम्प्यूटर से अधिक होता है. लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि इस तरह के बंधन लगभग हर देश में एक से लागू होंगे इसलिए तुलनात्मक तौर पर यह कारगर आंकड़े हो सकते हैं.

     (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )
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