निकोला टेस्ला का सबसे प्रमुख आविष्कार ऑल्टरनेटिंग करेंट या प्रत्यावर्ती था. जिसकी वजह से दुनिया को आज कोने कोने में बिजली दी जा रही है.विद्युकीय में उनके आविष्कार हमेशा एक गेमचेंजर की तरह रहे. हां उनके ऑल्टरनेटिंग करेंट को दुनिया को स्वीकार करने में समय लगा. लेकिन उनके अधिकांश खोजें आविष्कार उनके समय से आगे वाले ही रहे.

दुनिया के महान वैज्ञानिकों में निकोला टेस्ला का नाम लिया जाता है. उनकी उपलब्धियों और आविष्कारों से ज्यादा उनके जीवन के उतार चढ़ाव और दूसरे वैज्ञानिकों से विवाद, पेटेंट पर का कानूनी लड़ाई, उनके समय से आगे के विचार और उन पर निवेशकों को अविश्वास आदि ज्यादा चर्चा में रहे. उनके बारे में हमेशा कहा जाता रहा कि वे समय से आगे सोचा करते थे उनके कई विचार दशकों बाद दुनिया ने चरितार्थ होते देखे गए. उनके कुछ आविष्कारों का श्रेय किसी अन्य वैज्ञानिक को दे दिया गया या किसी दूसरे ने अपना लिया. इसके बाद भी उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों बहुत बड़ी और दूरगामी साबित हुई थीं. 7 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि है.

शुरू से ही बहुत बुद्धिमान थे टेस्ला
10 जुलाई 1856 में जन्मे निकोला टेस्ला बचपन से ही बहुत ही बुद्धिमान् थे. वे सारी किताबें पूरी तरह से याद कर सकते थे. उनका अवलोकन बहुत ही बढ़िया हुआ करता था. वे भाषाओं को बहुत ही जल्दी और आसानी से समझने लगते थे. केवल कुछ घंटे ही सोकर लगातार काम में लगे रहते थे. विद्युत्कीय के सवालों में उनकी विशेष रुचि थी और उन्हें उनका हल निकालने पर ही चैन मिलता था.

सबसे बड़ी खोज प्रत्यावर्ती धारा
टेस्ला1884 में जब न्यूयॉर्क आए तो उनकी जेब में केवल 60 सेंट थे. यहां उनकी एडिसन से मुलाकात हुई. उन्होंने एडिसन को अपने काम के बारे में बताया जो प्रत्यावर्ती धारा या एसी पर आधारित था. वहीं एडिसन के एकदिश धारा या डीसीपर आधारित बहुत से विद्युत सयंत्र लग चुके थे. एडिसन चाहते थे कि टेस्ला डीसी पर पर काम करें जबकि टेस्ला को एसी पर ज्यादा विश्वास था. टेस्ला ने एडीसन के उपकरणों को उन्नत किया, लेकिन एडिसन ने उसका श्रेय उन्हें नहीं दिया. लेकिन बाद में दुनिया को प्रत्यावर्ती धारा के महत्व को स्वीकार करना ही पड़ा.

टेस्ला की क्वाइल
टेस्ला की सबसे बड़े कार्य के रूप में उनकी टेस्का क्वाइल को याद किया जाता है. टेस्ला ने न्यूयॉर्क में एक टॉवर बनाया जिसके ऊपर उन्होंने अपन क्वाइल को लगाया जिससे हवा में चिंगारी के से क्वाइल में प्रत्यावर्ती धारा के जरिए बिजली दौड़ी थी. इसी क्वाइल का उपयोग करते हुए उन्होंने एक बड़ा ट्रांसमीटर भी बनाया था. जिसे मैग्निफाइंग ट्रांसमीटर कहा गया. जिसके जरिए उन्होंने बिना तारे के एक किलोमीटर दूर तक बिजली पहुंचाई थी. व्यवहारिक नजरिए से तो नहीं लेकिन प्रयोगात्मक दृष्टिकोण से टेस्ला क्वाइल को बहुत अहमियत दी जाती है.

टेस्ला का टरबाइन
टेस्ला को एक खास टरबाइन विकसित करने के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने एक पिस्टन इंजन का विकास किया जिससे डिस्क घूमती थीं. उस समय के टरबाइन कम कारगर थे और ब्लेड पर निर्भर थे. टेस्ला ने अपने आविष्कार में कई डिस्क जोड़ कर अपकेंद्री (सेंट्रीफ्यूगल) पंप बनाया था.  उनका टरबाइन ज्यादा कारगर पाया गया.

शैडोग्राफ का आविष्कार
शैडोग्राफ वास्तव में एक्स रे का ही दूसरा नाम है. इसमें विकरण शरीर से होकर गुजरता है और केवल हड्डयों को पार नहीं कर पाता जिससे फिल्म पर विकरण ना पड़ने वाली जगह पर खास निशान पड़ जाता है. एक्स रे की मूल खोज रोंटजन ने की थी, लेकिन टेस्ला ने इसकी प्रक्रिया में सुधार किया था.

रेडियो संकेत और नियॉन बल्ब
कई वैज्ञानिक मानते हैं कि टेस्ला की सबसे बड़ी उपलब्धि उनके रेडियो संकेतों के आदान प्रदान की क्षमता की खोज थी. लेकिन इससे पहले टेस्ला अपनी खोज पर पेटेंट ले पाते इस खोज का श्रेय मार्कोनी ने लिया जिसके दावे के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी चली. इसके अवाला नियॉन बल्ब भी टेस्ला का एक परीष्कृत आविष्कार था.  इस बल्ब के लिए उन्होंने खास तरह की क्वाइल विकसित की थी.

टेस्ला का न्याग्रा फॉल्स पर किया गया हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर जेनेटर का प्रयोग बहुत प्रसिद्ध हुआ था. उनके जनरेटर को बहुत प्रसिद्धि मिली थी. यह जनेरेटर प्रत्यावर्ती धारा पैदा करता है और इसी तर्ज पर आज भी दुनिया के कई पॉवर प्लांट काम करते हैं जिससे लाखों करोड़ों लोगों को बिजली मिलती है. इसके अलावा उन्होंने इडक्शन मोटर, रेडियो संकेतों से नियंत्रित नाव भी बनाई थी.

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