भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को कहा कि कोरोना-रोधी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद कोरोना वायरस से मौत का खतरा 95% कम हो जाता है, जबकि एक डोज से 82% तक मौत का खतरा घट जाता है.

कोरोना वायरस के चलते हो रही मौतों को रोकने में वैक्सीन खासी असरदार है. इस बात की जानकारी इंडियन काउंसिल और मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (ICMR-NIE) के एक एनालिसिस से मिलती है. स्टडी में पता चला है कि वैक्सीन का एक डोज मौत को रोकने में 82 फीसदी कारगर है. जबकि, दोनों डोज 95 फीसदी तक मौत से बचा सकते हैं.तमिलनाडु पुलिस विभाग अपने जवानों के वैक्सीनेशन, दूसरी लहर के दौरान हुई मौत और अस्पताल में भर्ती होने के संबंध में जानकारी जुटा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ICMR-NIE के निदेशक डॉक्टर मनोज मुर्हेकर ने कहा है कि इस डेटा का इस्तेमाल वैक्सीन प्राप्त और बिना टीकाकरण वाले पुलिसकर्मियों में कोविड के चलते मौत की घटनाओं का अनुमान लगाने के लिए किया गया था.

तमिलनाडु पुलिस विभाग में 1 लाख 17 हजार 524 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं. 1 फरवरी और 14 मई के बीच 32 हजार 792 कर्मियों ने पहला डोज प्राप्त कर लिया था. जबकि, दोनों डोज लेने वालों की संख्या 67 हजार 673 थी. 17 हजार 59 पुलिसकर्मियों ने एक भी डोज नहीं लगवाया था. इसके बाद 13 अप्रैल 2021 और 14 मई 2021 के बीच 31 कर्मियों की कोविड के चलते मौत हो गई थी.

जान गंवाने वाले इन 31 कर्मियों में से चार दोनों डोज प्राप्त कर चुके थे, सात को एक डोज लगा था और बीस का टीकाकरण नहीं हुआ था. शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 टीककारण से जुड़े मृत्यु दर के जोखिम की गणना के लिए टीका प्राप्त और टीका नहीं लगवाने वाले के बीच मौत की घटनाओं की तुलना की गई थी. बीती 21 जून को इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में ‘Covid-19 vaccine effectiveness in preventing deaths among high-risk groups in Tamil Nadu, India’ एक स्टडी प्रकाशित हुई थी.

वैक्सीन को असरदार बता रही स्टडीज
हाल ही में आई एक स्टडी से पता चला था कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके 94 फीसदी लोगों को कोरोना संक्रमित होने पर ICU में भर्ती की जरूरत नहीं पड़ी, जबकि 77 फीसदी लोगों को तो अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ी. स्टडी में पता चला है कि दोनों डोज प्राप्त करने से अस्पताल में भर्ती, ऑक्सीजन थैरेपी की जरूरत और ICU में दाखिले को कम कर देते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में स्टडी के लेखक डॉक्टर जेवी पीटर्स के हवाले से कहा गया है कि पहले डोज के बाद से ही सुरक्षा मिलना शुरू हो जाती है. वैक्सीन का सिंगल डोज ICU में भर्ती होने से 95 फीसदी सुरक्षा देता है.

 

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