दीप राज दीपक
भारत ने अपने खुद के स्पेस स्टेशन लांन्च करने की योजना पर काम करनी शुरू कर दी है. इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन प्रमुख एस. सोमनाथ ने गुरुवार को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित ‘भारतीय स्पेस स्टेशन’ (बीएसएस) का अगले साल परीक्षण करने की योजना है.’
सोमनाथ ने यह भी कहा कि इसके प्रथम मॉड्यूल का विनिर्माण, परीक्षण और ‘लॉन्च’ 2028 तक करने के लिए उद्योग जगत के साथ बातचीत जारी है. भारत इसे करने में सफल रहा तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद चौथा देश बन जाऐगा.
फरीदाबाद में भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव से इतर पीटीआई से बातचीत करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) प्रमुख कहा कि देश के पहले शुक्र मिशन को भी 2028 में अंतरिक्ष में भेजे जाने की संभावना है, और इंजीनियर महंगे कीमत वाले कुछ डिवाइस पर लागत में कमी लाने पर काम कर रहे हैं.
पिछले साल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो को 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन लॉन्च करने और 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने का लक्ष्य दिया था. सोमनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा, “यह (परीक्षण) अगले साल होगा. मंगलवार को, मैंने भारतीय स्पेस स्टेशन की संरचना की समीक्षा की. हमारे लोग बहुत सारे विकल्पों पर काम कर रहे हैं.”
सोमनाथ ने कहा अंतरिक्ष स्टेशन के शुरूआत में मानवरहित रहने का संकेत देते हुए कहा, “यह एक अंतरिक्ष स्टेशन है, कोई व्यक्ति नहीं. अगर वहां कोई (अंतरिक्ष यात्री)नहीं होगा तब भी यह काम करेगा.” सोमनाथ ने कहा कि इसरो भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए एक नया रॉकेट विकसित करने पर भी काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (एनजीएलवी) का विकास किया जा रहा.
(‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )