दयानिधि
बहुत अधिक तनाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेवार होते हैं। तनाव को कई स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, मोटापा व मधुमेह के लिए जिम्मेदार माना जाता है। बेंगलुरु में जवाहरलाल नेहरू एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) के वैज्ञानिकों ने एक अनोखा पहनने योग्य उपकरण विकसित किया है जो मनुष्य में तनाव का पता लगा सकता है।
आज की दुनिया में, ऐसी तकनीक जो मानवीय इंद्रियों की तरह महसूस कर सके और उनके अनुकूल हो सके, जरूरी होती जा रही है। स्वास्थ्य सेवा से लेकर रोबोटिक्स तक के क्षेत्रों में ऐसी सामग्रियों की जरूरत पड़ती है जो तनाव या दर्द को “समझ” सकें। वे सुरक्षा को बढ़ा सकते हैं, पहनने योग्य तकनीक को अधिक स्मार्ट बना सकते हैं और मानव और मशीन के बीच के संबंधों को बेहतर बना सकते हैं।
शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं की टीम ने न्यूरोमॉर्फिक डिवाइस विकसित किया है। यह इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जो न्यूरॉन्स और सिनेप्स के कार्यों की नकल करता है, जो एक स्ट्रेचेबल या खिंचाव योग्य सामग्री पर चांदी के तार वाले नेटवर्क का उपयोग करके तैयार किया गया है।
यह उपकरण तनाव को महसूस कर सकता है, दर्द की अनुभूति की नकल कर सकता है और उसके अनुसार अपनी विद्युत प्रतिक्रिया को अनुकूलित कर सकता है। शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि इस उपकरण में ये दर्द जैसी प्रतिक्रियाएं भविष्य के स्मार्ट पहनने योग्य प्रणाली के लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं जो डॉक्टरों को तनाव का पता लगाने में मदद कर सकती हैं। टीम ने पाया कि जब सामग्री खिंचती है, तो सिल्वर नेटवर्क के भीतर छोटे-छोटे अंतराल दिखाई देते हैं। यह अस्थायी रूप से विद्युत मार्ग को तोड़ देता है।
उपकरण में दोबारा जोड़ने के लिए, एक इलेक्ट्रिक नाड़ी या पल्स दी जाती है, जो कमी को पूरा करता है और घटना को याद रखता है। हर बार जब इसे खींचा जाता है और दोबारा जोड़ा जाता है, तो उपकरण धीरे-धीरे अपनी प्रतिक्रिया को समायोजित करता है, ठीक उसी तरह जैसे हमारा शरीर समय के साथ बार-बार होने वाले दर्द के अनुकूल हो जाता है।
शोध में कहा गया है कि यह गतिशील प्रक्रिया उपकरण को याददास्त और अनुकूलन की नकल करने में सक्षम बनाती है, जिससे मनुष्य उन सामग्रियों के करीब आते हैं जो अपने पर्यावरण के प्रति बुद्धिमानी से प्रतिक्रिया करते हैं। उपकरण एक सिंगल, लचीली इकाई में संवेदन और अनुकूली प्रतिक्रिया को भी जोड़ती है। यह तकनीक को जटिल सेटअप या बाहरी सेंसर के बिना, स्वाभाविक रूप से अपने पर्यावरण के अनुकूल होने का एक सुव्यवस्थित, कुशल तरीका प्रदान करता है।
रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (आरएससी) के जर्नल मैटेरियल्स होराइजन्स में प्रकाशित शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि इस शोध से अधिक उन्नत स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली विकसित हो सकती है जो मनुष्य के शरीर की तरह तनाव को “महसूस” करती है और वास्तविक समय में अनुकूलन करती है, जिससे डॉक्टरों या उपयोगकर्ताओं को प्रतिक्रिया मिलती है।
बहुत अधिक तनाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेवार होते हैं। तनाव को कई स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, मोटापा और मधुमेह के लिए जिम्मेदार माना जाता है। तनाव से निपटने का तरीका सीखने से तनाव कम महसूस करने में मदद मिल सकती है और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिल सकता है।
शोध में कहा गया है कि इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक रोबोटिक प्रणाली को भी बेहतर बना सकती है। ये न केवल मशीनों को सुरक्षित बनाने में मदद कर सकते हैं, बल्कि लोगों के साथ काम करने के लिए अधिक सहज भी बना सकते हैं।
(‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )