दयानिधि

डब्ल्यूएचओ, लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण हर साल 70 लाख लोग मारे जाते हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत निम्न और मध्यम आय वाले देशों के होते है .उल्लेखनीय है कि नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस ( इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काई ) हर साल 7 सितंबर को मनाया जाता है। इस अवसर पर , इस वर्ष भी 7 सितंबर को पूरी दुनिया में कार्यक्रम आयोजित किए गए .

हम एक समान हवा में सांस लेते हैं या “द एयर वी शेयर

इस वर्ष की थीम “द एयर वी शेयर” वायु प्रदूषण की सीमा पार प्रकृति पर केंद्रित था, जिसमें सामूहिक जवाबदेही और कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। दरअसल यह वायु प्रदूषण से निपटने की नीतियों और कार्यों के अधिक कुशल कार्यान्वयन के लिए तत्काल और रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता है। हम सभी एक समान हवा में सांस लेते हैं,और एक वातावरण हम सभी की रक्षा और पोषण करता है। सचमुच प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है जिसका मुकाबला करने के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए।

 स्वच्छ हवा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का इतिहास

26 नवंबर 2019 को, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के 74वें सत्र की दूसरी समिति ने 7 सितंबर को “नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया था। यह संकल्प सभी स्तरों पर जन जागरूकता बढ़ाने, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्यों को बढ़ावा देने, सुविधाजनक बनाने के महत्व और तत्काल आवश्यकता पर बल देता है. वातावरण से होने वाली बीमारी के बोझ में वायु प्रदूषण सबसे अधिक जिम्मेदार है और यह दुनिया भर में मृत्यु और बीमारी के मुख्य परिहार्य कारणों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा कि विश्व की 99 प्रतिशत आबादी अब प्रदूषित हवा में सांस ले रही है। डब्ल्यूएचओ, लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण हर साल 70 लाख लोग मारे जाते हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत निम्न और मध्यम आय वाले देशों के होते हैं।

 

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