लक्ष्मी नारायण
नवरात्रि का त्योहार चल रहा है और इसमें कई लोग फास्ट रखते हैं. वहीं कुछ लोग सिर्फ फल और दूध पीकर रहते हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या नवरात्रि में डायबिटीज के मरीजों को उपवास रखना चाहिए. इस विषय पर हमने मैक्स अस्पताल के डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. पारस अग्रवाल से बात की.
आस्था के आगे विज्ञान फेल हो जाता है. खासकर अगर बात पर्व-त्योहारों में उपवास रखने की हो तो यह और ज्यादा मजबूत हो जाती है. चाहे कितनी भी परेशानियां हों, खास व्रत के दौरान लोग फास्ट रखते ही हैं. इस मामले में महिलाएं आगे रहती हैं. पर क्या नवरात्रि या अन्य त्योहारों के दौरान डायबिटीज के मरीज को फास्ट रखना चाहिए. यह बेहद गंभीर सवाल है. क्योंकि एक तरफ आस्था है तो दूसरी तरफ विज्ञान की बात है. कुछ लोग एकदम जिद पर रहते हैं कि चाहे कुछ भी हो, उन्हें हर हाल में फास्ट रखना है. पर विज्ञान यह कहता है कि डायबिटीज मरीज यदि फास्ट रखें तो इससे दिक्कत हो सकती है. डॉक्टरों की मानें तो डायबिटीज मरीजों को फास्ट रखने से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए यदि आप फास्ट रखते हैं तो इसे पूरी तरह संभलकर रखना चाहिए. इस विषय पर हमने मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में मशहूर डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. पारस अग्रवाल से बात की.
फास्ट से ये होंगी परेशानियां
डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि जिन लोगों डायबिटीज हैं और वे रोजाना दवाई ले रहे हैं, उनलोगों को आमतौर पर हम फास्ट नहीं रखने की सलाह देते हैं. खासकर उन मरीजों को जिनका A1C 9 से ज्यादा है. क्योंकि ऐसे लोगों में फास्ट रखने से डिहाइड्रेशन की ज्यादा समस्या हो जाएगी और इस स्थिति में ब्लड शुगर भी बहुत बढ़ सकता है. अगर मरीज टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं तो उनके खून में कीटोएसिडोसिस की समस्या हो जाएगी. इसके लिए अस्पताल आना पड़ सकता है जो ज्यादा जोखिम वाला है. डॉ. पारस अग्रवाल कहते हैं कि इसके बावजूद यदि कोई डायबिटीज के मरीज नवरात्रि में फास्ट रखना चाहते हैं तो उन्हें डॉक्टरों को इसकी पहले जानकारी दे देनी चाहिए ताकि डॉक्टर दवाई की डोज में आवश्यक परिवर्तन कर सके.
दवाइयों में एडजस्टमेंट की जरूरत
डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि अगर कोई मरीज फास्ट रखना चाहते हैं तो उनके पूरी दवाइयों की डोज और टाइमिंग को एडजस्टमेंट करना होगा. क्योंकि डायबिटीज के गंभीर मरीज को कई तरह की दवाइयां दी जाती है. इन सारी दवाइयों की डोज और समय में परिवर्तन की जरूरत होगी. अगर मरीज ऐसा नहीं करते हैं तो शुगर की मात्रा में भारी उथल-पुथल हो सकती है. यानी या तो बहुत अधिक बढ़ सकती है या बहुत अधिक कम हो सकती है. जो मरीज लिक्विड वाले फूड का ज्यादा सेवन करते हैं अगर फास्टिंग के दौरान इन चीजों का सेवन बंद कर देंगे तो उन्हें डिहाइड्रेशन का ज्यादा खतरा रहेगा. इसलिए यदि आप फास्ट रख रहे हैं तो अपने डॉक्टर को बताएं ताकि वे आपकी दवाइयों को एडजस्ट कर सके.
इस तरह की सावधानी बरतें
डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि जो डायबेटिक मरीज फास्ट रख रहें हैं उन्हें दवाइयों के एडजस्टमेंट के अलावा नियमित रूप से शुगर की जांच करनी चाहिए. शुगर की मॉनटरिंग में अगर किसी तरह की गड़बड़ियां मिलें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करनी चाहिए. इसके साथ ही फास्ट के बाद ज्यादा अनहेल्दी फूड का सेवन न करें. सीजनल हरी पत्तीदार सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें. ज्यादा मिठाइयों से परहेज करें.
(‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )