आधुनिक जीवन शैली (Modern Lifestyle) की वजह से आज कल लोगों को डायबिटीज, कई तरह के हृदय रोग आदि हो रहे हैं. इनकी प्रमुख वजह लोगो में बढ़ता मोटापा (Obesity) भी है. अध्ययन में शोधकर्ताओं ने शारीरिक संरचनाओं को प्रभावित करने वाले कई कारकों का वायु प्रदूषण (Air Pollution) से सीधा संबंध पाया है. जिससे साबित होता है कि मोटापे भी का वायुप्रषण से संबंध है.

मोटापा (Obesity) एक वृहद वैश्विक समस्या होती जा रही है. बेशक यह कोई रोग नहीं हैं लेकिन आज के दौर में यह एक साथ कई बीमारियों (Disease) के होने की वजह बन जाता है. मोटापा लाइफस्टाइल की कई खामियों के होने का संकेतक भर है, जो कि अस्वस्थ खुराक, कसरत की कमी, अनुवांशिकी या फिर इन सभी समस्याओं का होना बताता है. लेकिन क्या पर्यावरण में कोई ऐसा कारक है  जिसका मोटापे से संबंध. अगर नए अध्ययन की माने तो वायुप्रदूषण (Air Pollution)  और महिलाओं में अधिक वजन के बीच में एक संबंध है. जो कि साधारण लोगों के लिए ही नहीं बल्कि वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए भी एक चौंकाने वाला नतीजा है.

50 साल के आसपास की उम्र की महिलाएं

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्ताओं ने अपने नए अध्ययन में इस अप्रत्याशित संबंध की खोज है. इस अध्ययन के प्रथम लेखक जिन वांग के मुताबिक उम्र के 40 और 50 साल के दशक में पहुंच चुकीं जो महिलाएं वायुप्रदूषण का लंबे समय से सामना कर रही हैं, जिससे उनका शरीरिक भार अनुपात, कमर का आकार और शरीर का फैट बढ़ने लगता है. जिस वजह से उन्हें सेहत संबंधी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

 

वायुमंडलीय प्रदूषकों से गहरा नाता

इन नकारात्मक प्रभावों का नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन और उच्च स्तर के महीन कणों से विशेष संबंध है जो प्रमुख वायु प्रदूषक के तौर पर जाने जाते हैं. शोधकर्ताओं ने लिखा है कि इस अध्ययन में उन्होंने  अमेरिका की1654 श्वेत, अश्वेत, चीनी और जापानी महिलाओं को शामिल किया था जिनकी औसत उम्र साल 2000 से 2008 के बीच में  49.6 साल थी.

 

शरीर संरचना के मापन

शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने प्रतिभागियों के रिहायशी पतों के आधार पर उनके इलाकों के वायु प्रदूषण की मात्रा से जोड़ा. प्रतिभागियों के आकार का मापन और शरीर संरचना का मापन करीब साल में एक बार की मुलाकातों में डीएक्सए का उपयोग किया गया. इससे पता चल सका है कि मोटापे को वास्तव मे वायुप्रदूषण के कौन से कारक प्रभावित करते हैं.

 

प्रतिमान का उपयोग

शोधकर्ताओं ने  रेखीय मिश्रित प्रभावों वाले प्रतिमानों का उपयोग किया जिसमें उन्होंने वायुप्रदूषण और शरीर के आकार और संरचनात्मक  मापनों के बीच संबंध का परीक्षण किया और यह भी जानने की कोशिश की कि इन संबंधों में किन भौतिक गतिविधियों की वजह से अंतर आ रहा है. और किन कारणों ने सेहत में निर्णायक बदलाव आ रहे हैं.

 

कई कारकों में बदलाव

इस अध्ययन के नतीजों के विश्लेषणों ने दर्शाया कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने का संबंध शरीर में ज्यादा फैट, उच्च अनुपात फैट, और मध्य उम्र की महिलाओं में निम्न कमजोर भार से है. जैसे इसमें से शरीर का फैट 45 प्रतिशत यानि करीब 2.6 पाउंड या 1.18 किलोग्राम तक बढ़ा पाया गया था. इसी तरह के नतीजे बाकी कारकों में भी देखने को मिले.

 

शारीरिक गतिविधि

इसके अलावा शोधकर्ताओं ने शरीर संरचना के लिए लिहाज से वायु प्रदूषण और शारीरिक गतिविधि के बीच संबंध की भी पड़ताल की. उन्होंने पाया कि उच्च स्तर की शारीरिक गतिविधि प्रभावी रूप से शारीरिक संरचना के बदलावों को कम कर सकती है जिनका संबंध वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से है.

 

यह अध्ययन डाइबिटीज केयर में प्रकाशित हुआ है. इस शोध में वांग ने समझाया कि चूंकि इस अध्ययन ने मध्य उम्र की महलियाओं को लक्षित किया था, इसलिए इस अध्ययन की पड़ताल के नतीजों को पुरुषों और दूरी उम्र की महिलाओं के लिए समान्य रूप से लागू नहीं होता है.

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